अमृतसर: श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित पाकिस्तान के गुरुद्वारों में दर्शन के लिए गया जत्था आज भारत वापिस लौट आया है। इस जत्थे में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज भी शामिल थे। कुलदीप सिंह गड़गज्ज अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भारत में पहुंचे है।
वापिस भारत आने पर उन्होंने मीडिया के साथ बात की। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी की कृपा से जत्थे ने पाकिस्तान के गुरुद्वारों में शांति और श्रद्धा के साथ दर्शन किए हैं। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने बहुत अच्छे इंतजाम किए थे। इसके लिए उन्होंने पाकिस्तान सरकार और कमेटी के प्रधान मीत अरोड़ा का धन्यवाद भी किया।
ननकाना साहिब, करतारपुर साहिब और अन्य गुरुद्वारों में सुरक्षा, सफाई और मेडिकल व्यवस्था भी काफी अच्छी थी। उन्होंने बताया कि वहां सिख संगत के साथ-साथ सिंधी समाज के हजारों गुरु नानक नामलेवा भाई-बहनों से भी भेंट हुई। सबको उन्होंने गुरबाणी से जुड़ने, आपसी प्रेम और चढ़दी कला में रहने का संदेश दिया।
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में आई बाढ़ से हुए नुकसान के बाद भी करतारपुर साहिब में अब सफाई और रखरखाव के अच्छे प्रबंध हैं। उन्होंने गुरु नानक देव जी के चरणों में शांति और सिख भाईजनों की चढ़दी कला के लिए अरदास की। इसके साथ ही भारत सरकार से उन्होंने यह आग्रह भी किया है कि करतारपुर लांघा जल्द खोल दिया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा सिख श्रद्धालु दर्शन के लिए जा सकें।
जत्थेदार ज्ञानी गड़गज्ज ने कहा कि जब गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी नजदीक है। ऐसे समय में करतारपुर लांघा खोलने से सोने पे सुहागा हो जाएगा। यह सिर्फ एक रास्ता ही नहीं है बल्कि दिलों को जोड़ने वाला पुल है जो दोनों देशों में लोगों में प्रेम और मेलजोल बढ़ाता है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में आम लोगों के बीच भारतीय सिखों के लिए बहुत सम्मान और स्नेह देखने को मिला।
लाहौर के बाजारों में लोग उनसे खुले दिल से मिले और कहा कि – ‘दस्तार वाले कब आएंगे’ यह दर्शाता है कि दोनों देशों के आम लोगों में नफरत नहीं बल्कि भावनात्मक जुड़ाव है। आगे ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने हमें प्यार, एकता और साझेदारी का संदेश दिया था। हम दोनों देशों के बीच शांति और भाईचारे का माहौल बनाने चाहिए। यही हमारी अरदास है।