नई दिल्ली: जापान की नई पीएम साने ताकाइची पहले दिन से ही अपने कठोर कार्यशैली को लेकर चर्चा में बनी है। अब हाल ही में उन्होंने एक मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग में फिर से ओवरवर्क कल्चर पर बहस तेज हो चुकी है। पीएम का कहना है कि – ‘मैं 18 घंटे काम करती हूं और चाहती हूं लोग भी ऐसे ही काम करें। वर्क लाइफ का बैलेंस कोई भी मायने नहीं रखता’। उन्होंने यहां तक कह दिया कि घोड़े की तरह काम करो।
लोगों ने उठाए वर्क कल्चर को लेकर सवाल
जापान में लंबे समय से करोशी यानी की काम के भोज से मौत का कल्चर रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से जापान ने अपनी अर्थव्यवस्था को खड़ी करने के लिए कर्मचारियों से ज्यादा काम की उम्मीद की थी। इस दौरान कई लोग दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण अचानक से मरने लग गए थे। इन मौतों को करोशी कहा गया है। सरकार को बाद में मजबूर होकर ओवरटाइम की सीमा तय करनी पड़ी थी सिर्फ 45 घंटे प्रति माह में हालांकि ताकाइची ने ओवरटाइम सीमा बढ़ाने के प्रस्ताव का समर्थन किया है। इसके कारण अब चिंता और भी बढ़ चुकी है। लोगों को लग रहा है पुराना अधिक समय वाला कल्चर फिर से लौट सकता है।
मीटिंग के बाद मचा विवाद
7 नवंबर को संसद में बजट पर चर्चा के लिए ताकाइची ने सुबह 3 बजे अपने सलाहकारों की मीटिंग बुलाई। इस मीटिंग को 3 AM सैशन का नाम दिया गया। पूर्व पीएम और विपक्षी नेता योशिहिको नोदा ने इस फैसले को पागलपन कहा। उनका कहना था जब मैं पीएम था तब सुबह 6 या 7 बजे काम शुरु करता था। दूसरों को रात के सन्नाटे में शामिल होने के लिए मजबूर करना गलत है। विवाद बढ़ने पर ताकाइची ने सफाई देते हुए कहा कि उनके घर की फैक्स मशीन खराब थी इसलिए उन्हें पीएम आवास जाकर तैयारी करनी पड़ी।