नई दिल्ली : जापान ने अपने चंद्रमा मिशन के तहत लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतार दिया है। लेकिन दिक्कत की बात यह है कि यह चंद्रमा पर ही सो गया है। बताया जा रहा है कि इसकी बैटरी खत्म हो गई है। इस कारण लैंडर का पृथ्वी से संपर्क टूट गया है। अब इसके जागने की कितनी उम्मीद है, यह कहना मुश्किल है। स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून सौर ऊर्जा में खराबी के कारण बंद हो गया। इस कारण जापान का उम्मीदों से भरा मून मिशन अब खतरे में पड़ गया है। सोलर पैनल में खराबी के कारण इसकी बैटरी पूरी तरह से चार्ज नहीं हो पा रही है। हालांकि लैंडर के बंद होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है। लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बैटरी डिस्चार्ज हो चुकी होगी। वैसे लैंडर के जरिए जापान का चंद्रमा मिशन कामयाब रहा।
जापान पहली बार लैंडर चंद्रमा की सतह पर पहुंचने में सफल रहा। माना जा रहा है कि लैंडर का सोलर पैनल गलत दिशा में है। इस कारण इस पर रोशनी नहीं पड़ रही। अगले महीने सूर्य की दिशा बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख हितोशी कुनिनका ने स्थिति को समझाते हुए कहा था कि चंद्रमा पर सौर कोण बदलने में 30 दिन लगते हैं। ऐसे में जब सौर कोण बदलेगा तो प्रकाश दूसरी तरफ से आएगा। इससे प्रकाश सौर सेल से टकरा सकता है। अंतरिक्ष एजेंसी को उम्मीद है कि सूर्य की स्थिति में बदलाव चंद्रमा लैंडर को फिर से जीवन दे सकता है।
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