जालंधर, ENS: ट्रक यूनियन ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, ट्रक यूनियन ने आज प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि ट्रक को हिमाचल में प्रवेश करने नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी ट्रक कॉर्पोरेट सोसायटी कीरतपुर साहिब से है। यूनियन का कहना है कि इसमें 25 गांवों के 826 के करीब ट्रक हैं। उनकी सोसायटी का 2010 में जेपी सीमेंट कंपनी के साथ माल की ढुलाई को लेकर एंग्रीमेंट हुआ था। यूनियन ने कहा कि उनके कहने पर ही उन्होंने ट्रकों का काम किया था। जोकि उक्त कंपनी के साथ उनका समझौता 2015 तक ठीक चलता रहा। उसके बाद उक्त कंपनी द्वारा काम कम दिया जाने लगा। यूनियन का आरोप है कि उक्त कंपनी द्वारा हिमाचल की गाड़ियों में बढ़ौतरी करने लगे और सीधा सामान उनकी गाड़ियों को उठाने लग पड़े।
उसके बाद 2017 में जेपी सीमेंट कपंनी बेच दी गई। जिसे अल्ट्राटेक सीमेंट ने खरीद लिया। इस दौरान उक्त कंपनी ने पिछले समझौते के मुताबिक कम मात्रा में लोडिंग के सामान का काम उन्हें देते रहे। जिसमें साल में 1 से 2 माह तक ही कंपनी द्वारा काम दिया जाता रहा। एक से दो माह छोड़कर अन्य महीनों में उनके पास कोई काम नहीं होता था। जिसके कारण किश्तों पर ली गाड़ियों की उनकी किश्तें टूटनी शुरू हो गई और किश्ते टूटने के कारण उन्हें ब्याज सहित भुगतान करना पड़ा।
लेकिन अब किश्ते ना निकाल पाने के कारण उनके कुछ ट्रकों को फाइनेंस वाले लेकर चले गए और कुछ उनकी गाडियां बिक गई। यूनियन का कहना है कि 200 से 250 गाड़ी कबाड़ में बिक गई। इस दौरान कई व्यक्तियों द्वारा काम ना मिलने के चलते खुदकुशी कर ली गई। उनका कहना है कि पंजाब का व्यापार हिमाचल की गाड़ियों को दिया जा रहा है, जोकि गलत है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को चाहिए अपना व्यापार अपने पंजाबियों को दिया जाना चाहिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमाचल के गाडियों को रोकने के लिए प्रदर्शन किया जाएगा। यूनियन ने ऐलान किया है कि 15 तारीख को वह हिमाचल की गाड़ियों को रोककर उनके खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा। अगर पंजाब सरकार उन्हें उनका हक वापिस नहीं दिलवाती तो संघर्ष को तेज किया जाएगा।