जालंधर: सिविल सर्जन दफ्तर में कमरे को लेकर चल रहा मामले को दफ्तर के अधिकारी भी सुलझा नहीं पा रहे। आपको बता दें कि कुछ समय पहले सिविल सर्जन दफ्तर की बिल्डिंग को खाली करवाने की जब बात चली थी तो उस वक्त सिविल सर्जन, सहायक सिविल सर्जन, जिला परिवार कल्याण अधिकारी तथा जिला टीकाकरण अधिकारी ने अपना दफ्तर सिविल अस्पताल स्थित पी. पी. यूनिट में शिफ्ट कर र लिया था। तब यह फैसला हुआ था कि सभी प्रोग्राम ऑफिसर्स पी. पी. यूनिट वाली बिल्डिंग में ही बैठेंगे।
इसी बीच पंगा यह पड़ गया कि पी.पी. यूनिट में जो कमरा डिस्ट्रिक्ट डेंटल हैल्थ ऑफिसर को दिया जाना था वहां पर एक सुपरिंटैंडैंट ने अपना टेबल रखवा कर अपना ताला लगा दिया। इसके बाद चली बैठकों के दौरान फैसला यह हुआ कि उक्त सुपरिंटेंडेंट को एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच में ही एक अलग केबिन बना कर दे दिया जाए लेकिन जब सुपरिंटेंडेंट को यह मंजूर नहीं हुआ तो उसने यह डिमांड रख दी कि उसे सिविल सर्जन दफ्तर के बिल्कुल साथ लगता स्टेनो वाला कमरा दे दिया जाए। अब सत्रों के द्वारा पता चला है कि स्टेनो भी अपना कमरा छोड़ने को तैयार नहीं है तथा उसने यह सारा मामला पर स्टेट यूनियन के ध्यान में ला दिया है और उन्होंने डायरैक्टर हैल्थ सर्विसेज पंजाब से भी मुलाकात की है। फिलहाल डी.डी.एच.ओ. ने विवादित कमरे पर अपनी नेम प्लेट भी लगा दी है। अब देखना यह है कि क्या सिविल सर्जन दफ्तर के अधिकारी इस कमरे को लेकर पड़ा पंगा सुलझा सकते हैं या नहीं ।
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