महिला एजैंट से लेकर निगम के कई कर्लक, आर्किटैक्ट तथा बैंक कर्मी भी शामिल..!
जालंधर, अनिल वर्मा: अवैध कालोनियों में प्लाटों की जाली एनओसी दिलाने में निगम के ही कई कर्मी एजैंटों की मदद कर जाली एनओसी का “चतुर गैंग” चला रहे थे। इस गिरोह में विजीलैंस की रडार पर रहने वाली एक महिला एजैंट भी शामिल है जोकि निगम के कई अधिकारियों से काम करवाने के विभिन्न “हथकंडे” भी जानती थी।
इस महिला एजैंट ने सबसे पहले अपना रैकेट डैथ एंड बर्थ विभाग से चलाना शुरु किया और यहां पैर जमाने के बाद इस महिला एजैंट ने अपना अगला “किला” बिल्डिंग विभाग में फतेह करना शुरु किया। जिसमें विभाग के ही कई कर्लक शामिल हो गए और उक्त महिला ने इस गिरोह में कई डिप्लोमा होल्डर आर्किटैक्ट तथा बैंक एजैंट शामिल किए । जोकि शहर में कटने वाली हर अवैध कालोनी में पहुंच कर वहां प्लाटों की जाली एनओसी दिलवाने का झांसा देकर लोगों को लूटते थे।
इस गिरोह का सबसे पहला खुलासा वड़िंग में कट रही अवैध कालोनी में हुआ जहां यह गिरोह पूरी तरह से सक्रिय था । इस गिरोह ने कालोनाईजर के साथ मिल कर यहां प्लाटों की जाली एनओसी ही नहीं तैयार करवाई ब्लकि विभाग के अधिकारियों से जाली एनओसी के आधार पर कथित रिश्वत के बूते नक्शे भी पास करवाए। जिसके बदले मोटी रकम वसूली गई। इस मामले में नक्शे पास करने वाले अधिकारियों के सिर पर भी कारवाई की तलवार लटक रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार यह गिरोह इतनी सफाई से काम करता था कि चाह कर भी कोई गल्ती पकड़ नहीं सकता था। प्लाट खरीदने वाले लोगों को इसी जाली एनओसी के आधार पर बैंक लोन तक मंजूर करवा कर दिए गए। गिरोह में शामिल कारिंदे निगम से जाली एनओसी की वैरिफिकेशन करवाने में बैंक एजैंटों की मदद भी करते थे । जिसके आधार पर बैंक कर्मी धड़ल्ले से मकानों के लोन मंजूर कर रहे थे।
निगम कमिशनर गौतम जैन ने वड़िंग में कट रही अवैध कालोनी में जारी किए तीन नक्शों को रद्द कर दिया है। इन नक्शों के आधार पर बैंक ने लाखों रुपयों के लोन सैंक्शन कर दिए थे मगर अब इन नक्शों को रद्द करने के बाद कई बैंक कर्मियों पर भी उंगली उठनी शुरु हो गई है कि क्या वह भी इस गिरोह में शामिल हो कर उच्चाधिकारियों को गुमराह कर रहे थे।
अगली कड़ी में पढ़िए इस गिरोह ने वैस्ट हल्के में कैसे लगाया लोगों को “चूना”