जांच में हुआ खुलासा, अब तक बेच चुके 2 बाज और 5 कछुए
जालंधर, ENS: करतारपुर की पुलिस और जंगलात विभाग ने मिलकर एनिमल तस्करी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है। 95 लाख रुपए में बंगाल टाइगर के शावक को बेचने की डील कर रहे गिरोह के तीन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर दो को हिरासत में लिया है। आरोपियों की पहचान गांव नगला निवासी मनीष कुमार और तेज मोहन नगर निवासी अनमोल कुमार के रूप में हुई है। मामले में नामजद तीसरा आरोपी न्यू देओल नगर निवासी दीपांशु अरोड़ा अभी फरार है। थाना करतारपुर के प्रभारी रमनदीप सिंह ने बताया कि जंगलात विभाग के वन रेंज अफसर जसवंत सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई थी। उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि किशनगढ़ में द पेट क्लब के नाम से दुकान चलाने वाले मनीष कुमार जंगली जानवरों की तस्करी करता है।
95 लाख रुपए में की जा रही थी डील
अफसर ने बताया कि जांच करवाई गई तो पता लगा कि वह पहले भी गिरोह के साथ मिल जंगली जानवर बेच चुका है, और अब व्हाट्सएप ग्रुप में ग्राहकों को टाइगर के शावक की वीडियो भेज कर 95 लाख रुपए में डील करने की कोशिश कर रहा है। थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत मिलते ही जंगलात विभाग के साथ मिल मामले की जांच कर आरोपी मनीष कुमार अनमोल और दीपांशु अरोड़ा के खिलाफ नेशनल वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत 10 धाराएं लगाकर केस दर्ज कर लिया है। सूत्रों के मुताबिक किशनगढ़ में दुकान चलाने वाले मनीष कुमार और अनमोल को पकड़ लिया गया है। मामले में नामजद तीसरे आरोपी दीपांशु अरोड़ा को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही हैं।
गिरोह अब तक 5 बाज और 3 कछुए की कर चुका है तस्करी
वन विभाग के अफसर जसवंत सिंह ने बताया कि पूछताछ दौरान मनीष कुमार ने माना कि वह अब तक अपने गिरोह के साथ मिलकर 6-6 हजार रुपए में पांच बाज और तीन कछुए भारी दामों में बेच चुका है। वन विभाग के अफसर ने बताया कि यह गिरोह बड़े स्तर पर अपने मोबाइल की मदद से सोशल मीडिया पर ग्राहकों के ग्रुप बनाकर जंगली जानवरों की फोटो और वीडियो डालते हैं, जिससे ग्राहक इनके संपर्क में आते हैं।
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