जालंधर, (वरुण): शाहकोट में स्टाफ को बंदी बनाकर उनके साथ हुई बदसलूकी के विरोध में हड़ताल पर जाने का फैसला किया। इस मामले को लेकर डीसी के आदेश पर कर्मचारियों को बंदी बनाने के मामले में दो कामरेड नेताओं समेत तीन पर मामला दर्ज किया गया है। जिसके बाद कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज जो डीएसपी आफिस शाहकोट के बाहर धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा था उसे भी रद्द कर दिया गया है। सभी कर्मचारी दफ्तरों में लौट आए हैं।
बता दें कि कर्मचारियों ने पहले हड़ताल का फैसला मंगलवार को शाहकोट में स्टाफ को बंदी बनाकर उनके साथ हुई बदसलूकी के विरोध में लिया था। कर्मचारियों ने डीसी से मांग की थी कि बदसलूकी करने वाले संगठन के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। डीसी ने पिछले कल ही कर्मचारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दे दिया था।
एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में आकर कर्मचारियों को बनाया बंदी
कर्मचारी यूनियन के प्रधान पवन कुमार ने कहा कि शाहकोट में एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने दफ्तर में आकर जहां स्टाफ के साथ गलत व्यवहार किया वहीं उनके साथ बहसबाजी की और उन्हें दफ्तर में बंदी बनाकर भी रखा। जब से नई सरकार आई है, दफ्तरों में खौफ, दहशत का माहौल बना हुआ है। कोई भी उठता है औऱ सरकारी दफ्तरों में जाकर किसी को भी धमकाना शुरू कर देता है।
डीसी के आदेश पर कामरेड चरणजीत और सैदपुरी पर मामला दर्ज
डीसी के आदेश पर शाहकोट पुलिस ने जॉइंट प्लेटफार्म आफ नेशनल लेवल एग्रीकल्चर एडं रुरल वर्कर्स ऑर्गेनाइजेशन के कामरेड चरणजीत सिंह और ज्ञान सैदपुरी और एक अज्ञात पर मामला दर्ज किया है। तीनों पुलिस ने सरकारी कामकाज में बाधा डालने और परिसर में घुसकर बंदी बनाने का भारतीय दंड संहिता की धारा 341, 506, 148, 149 के तहत मामला दर्ज किया है।
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