जालंधर, ENS: महानगर के संतोखपुरा में 2 पक्षों में खूनी झड़प हो गई। जहां युवक पर कुछ नौजवानों द्वारा तेजधार हथियार से हमला किया गया। इस दौरान व्यक्ति को गंभीर हालत में उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां परिवार ने सिविल अस्पताल के डॉक्टरों पर सही से मरीज का उपचार ना करने के गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान परिजनों का आरोप है कि आज सुबह बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। वहीं स्टाफ द्वारा मरीज का उपचार ना किए जाने को लेकर भारी हंगामा किया गया। घायल नौजवान की पहचान 20 वर्षीय प्रदीप के रूप में हुई है।
मामले की जानकारी देते हुए मरीज की माता ऋतु ने बताया कि उसका बेटा 20 वर्षीय प्रदीप सैलून का काम करता है। वह देर रात काम से घर लौटा। इस दौरान बड़े बेटे संदीप ने उसे कमेटी के पैसे देने के लिए भेजा, जहां कमेटी के पैसे देने के बाद वह दोस्तों के साथ रास्ते में खड़ा हो गया। वहां पर कुछ युवकों ने उस पर तेजधार हथियारों से हमला कर दिया। महिला ने कहा कि वह दोस्तों के साथ खड़ा था। इस दौरान बिना किसी बात को लेकर बेटे पर युवकों ने हमला कर दिया। घायल बेटे को उपचार के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। परिवार का आरोप है कि उक्त हमलावार देर रात अस्पताल तक मारने के लिए पहुंचे।
परिवार ने कहा कि देर रात बेटे का उपचार चल रहा था, लेकिन आज सुबह से अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा उन्हें परेशान किया जा रहा है। परिवार ने अब सिविल अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए है। मामले की जानकारी देते हुए परिजन बंटी ने बताया कि युवक की हालत गंभीर होने के चलते डॉक्टरों द्वारा 20 मिनट तक उसका उपचार नहीं किया गया। माता ने कहा कि डॉक्टरों को जब उपचार करने के लिए कहा गया तो उनके द्वारा कहा गया कि वह मरीज को कहीं भी ले जा सकते है। आरोप है कि इमरजेंसी का वार्ड पहली मंजिल में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में मरीज को वहां ले जाया जाए। परिवार ने कहा कि 20 मिनट तक ना तो उसे ऑक्सीजन लगाई गई और ना ही किसी तरह का उपचार किया गया। परिजनों ने कहा कि मरीज 20 मिनट तक तड़पता रहा और गहरी सांसे ले रहा था।
भारी हंगामा होने के बाद डॉक्टरों द्वारा मरीज का उपचार करना शुरू किया गया। परिवार ने कहा कि अगर भाई की मौत हो जाती तो उसका कौन जिम्मेदार होगा। परिजनों ने कहा कि भारी हंगामें के बाद पहली मंजिल में डॉक्टरों द्वारा उपचार शुरू किया गया। आरोप है कि पहली मंजिल में हालात यह है कि आम व्यक्ति की वहां पर तबीयत खराब हो सकती है, वहीं मरीज भी उन्हें कह रहा हैकि उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही है। परिवार का कहना है कि वह मरीज को दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहते है। उनका कहना है कि डॉक्टरों द्वारा मरीज का सही से उपचार नहीं किया जा रहा है।