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Jalandhar News: बिजली सप्लाई ठीक करते कर्मचारी की करंट लगने से मौत

जालंधर, ENS: बिजली की सप्लाई ठीक करने के दौरान कर्मियों के साथ लगातार हादसे हो रहे है। हालांकि इन हादसों को लेकर कर्मियों द्वारा सेफ्टी को लेकर कई बार विरोध भी किया जा चुका है, लेकिन उसके बावजूद लगातार सप्लाई ठीक करते समय हो रहे हादसों में लगातार बढ़ौतरी देखने को मिल रही है। वहीं ताजा मामला भोगपुर से सामने आया है, जहां शनिवार को 11 केवी लाइन पर आया फॉल्ट को डबल पोल पर रिपेयर करते समय बिजली कर्मी को करंट लग गया। हादसे में घायल व्यक्ति करंट लगने से 35 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गया और उसकी रीड की हड्डी टूट गई। जिसे उपचार के लिए जौहल अस्पताल में भर्ती करवाया गया।

घटना में घायल व्यक्ति की बीते दिन ईलाज के दौरान मौत हो गई। मृतक की पहचान 26 वर्षीय रमनदीप सैनी निवासी गुरु नानक नगर के रूप में हुई है। रमनदीप सैनी सीएचबी कर्मचारी था। भोगपुर के एक्सईएन जसवंत सिंह ने कहा कि ठेका कंपनी के कर्मचारियों को कंपनी ने टीएनपी किटें प्रोवाइड करवाई हुई हैं। उसके बावजूद कर्मचारी सेफ्टी किट का इस्तेमाल नहीं कर रहे। जिस कर्मचारी की मौत हुई है, उसके परिवार को मुआवजा दिलवाया जाएगा। वहीं, सीएचबी कर्मचारियों को फील्ड में काम करने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है। पक्के लाइनमैन पूरी सेफ्टी के साथ काम करते हैं।’

वहीं इस घटना को लेकर सीएचबी जोन के प्रधान इंद्रबीर सिंह ने बताया कि रमनदीप 3 साल से कंपनी में काम कर रहा था। जहां हादसा हुआ, वहां डबल पोल और डबल फीडर है। हादसा भोगपुर मंडी के पीछे से गुजर रही 11 केवी लाइन पर हुआ। वहीं यूनियन ने मृतक रमनदीप सैनी के परिवार को 32 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। उन्होंने बताया कि 20 लाख रुपए एक्सग्रेशिया, 10 लाख रुपए इंश्योरेंस और 2 लाख रुपए लेबर वेलफेयर की तरफ से दिलवाए जाएंगे।

पावरकॉम एंड ट्रांसको ठेका मुलाजिम यूनियन के सर्किल प्रधान इंद्रप्रीत सिंह और भोगपुर डिवीजन के प्रधान त्रिलोचन कुमार ने बताया ठेकेदार सिस्टम बंद नहीं किया जा रहा और न ही पंजाब सरकार मुलाजिमों को पक्का कर रही है। कंपनियां मोटा मुनाफा कमा रही हैं और कर्मचारियों को काफी कम सैलरी दे रही हैं। पिछले साल सेफ्टी का सामान पूरा न होने के कारण 3 सीएचबी कर्मचारियों की मौत हो गई थी और कई जख्मी हो गए। कंपनियों ने 11 केवी के ग्लव्स भी नहीं दिए, जबकि बिलों पर साइन करवा लिए हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

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