जालंधर, ENS: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा की नीतियों से खुश नहीं लग गए। यही कारण है कि हाल ही में उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि भाजपा की हाईकमान उनसे सलाह नहीं करती और अपने तरीके से उम्मीदवारों का ऐलान कर देती है। ऐसे में लगता है कि वह दोबारा से कांग्रेस में वापसी की राह देख रहे है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को लेकर कैंट से विधायक परगट सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कभी भी पंजाब के प्रति वफादारी नहीं करती है। आरोप हैकि भाजपा वह काम करती है, जिससे पंजाब और सिखों को नुकसान पहुंचे।
वहीं उन्होंने कहा कि अब कैप्टन को कांग्रेस की याद आ रही है और यह अच्छी बात है कि लंबे समय के बाद उन्हें भाजपा में जाने की गलती का अहसास हुआ है। वहीं कैप्टन के भाजपा में जाने को लेकर कहा कि उन्हें कांग्रेस छोड़कर जाने से पहले सोचना चाहिए था। अब 4 साल हो गए है उन्हें भाजपा की ओर से कोई मीटिंग का हिस्सा नहीं समझा गया। उन्होंने कहा कि भाजपा जब भी कोई फैसला लेती है वह कैप्टन को उसमें शामिल नहीं करती। परगट सिंह ने कहा कि उन्हें लगता हैकि जब फैसले लिए जाते है वह पंजाब विरोधी फैसले लिए जाते है। वहीं कांग्रेस में उन्हें अपनों के साथ ना दिए जाने को लेकर परगट सिंह ने कहा कि वह हमेशा मुद्दों की लड़ाई लड़ते है।
उन्होंने कहा कि जब भी देश की या पंजाब की बात आएगी तो उसमें चाहे अपना हो या बेगाना, जितनी उन्हें समझ है कि वह उस समय वह उस पर बात रखने पर विश्वास रखते है और सिस्टम को हिलाने की कोशिश करते है। परगट सिंह ने माना कि उन्होंने भी कैप्टन पर निशाने साधे थे, वहीं नवजोत कौर को लेकर कहा कि बेअदबी के मुद्दों को लेकर बात करते थे। उन्होंने कहा कि जो कुछ किया वह भी कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने किया किसी और ने नहीं किया। इस दौरान कैप्टन की वापसी को लेकर कहा कि सीएलपी, प्रधान और सीनियर नेता ही फैसले ले सकते है, लेकिन वह इस मामले में ज्यादा कुछ कह नहीं सकते।