जालंधर, ENS: पंजाब में पिछले 5 दिनों से कई जिलों में तेज लू चल रही है। बीते दिन बठिंडा में सबसे अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। राज्य के ज्यादातर शहरों का तापमान 43 डिग्री से ऊपर बना हुआ है। आज 18 जिलों में लू का अलर्ट जारी किया गया है। वहीं जालंधर में 45 डिग्री तापमान दर्ज किया। भीषण गर्मी से दोपहर के समय सड़कों पर सन्नाटा देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार 11 से 13 जून तक राज्य में लू चलने की संभावना है। इसे लेकर ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया गया है। हालांकि मौसम विभाग का कहना हैकि 14 जून से मौसम बदल सकता है। इस दौरान आंधी व हल्की वर्षा हो सकती है। वहीं आज भी जालंधर में सुबह ही 40 डिग्री दर्ज किया गया।
भीषण गर्मी के कारण सुबह 11 बजे ही शेखा बाजार मार्किट में बाजार खाली पड़े मिले। जबकि जालंधर में रोजाना शहर में 43° से 45° तक टेम्प्रेचर दर्ज किया जा रहा है। गर्मी इतनी ज्यादा है कि लोग घरों से नहीं निकल रहे। भीषण गर्मी को लेकर सिविल अस्पताल के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ राज कुमार बदन से बातचीत की गई। उन्होंने बताया कि रोजाना सुबह 12 बजे से शाम 4 बजे तक हीट वेव चल रही है। जिसमे बिना काम के लोगों को बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर किसी को बहुत जरूरी काम है तभी उन्हें बाहर निकले। जब भी बाहर निकलो तो सर पर टोपी पहने महिलाए दुपट्टा बांध कर निकले। उन्होंने कहा पानी ज्यादा से ज्यादा पिया जाए।
उन्होंने कहा कि अगर किसी को भी गर्मी के कारण उलटी या पेट कि बीमारी होती है वह तुरंत जालंधर के सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में पहुंचे, यहां पर हर तरह के डॉक्टर मौजूद है। यहां से हर तरह की दवाई मिलती है।गौरतलब है कि इतनी भीषण गर्मी 13 साल बाद पड़ रही है। इससे पहले 1 जून 2012 को अमृतसर में 47.6 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। वहीं चंडीगढ़ का तापमान भी 44 डिग्री पर पहुंच गया है। इसके साथ ही राज्य में बिजली की मांग भी बढ़कर 16,249 मेगावाट हो गई है। राज्य में हीट वेव और धान की खेती की वजह से बिजली की मांग में काफी वृद्धि हुई है। बिजली की मांग 16,249 मेगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें 625 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई है।
सोमवार को यह मांग 15,624 मेगावाट दर्ज की गई थी। मंगलवार को बिजली की मांग ने पिछले दो साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 2023 में 10 जून को बिजली की अधिकतम मांग 9,790 मेगावाट थी, जबकि 2024 में यह 11,509 मेगावाट रही। पिछले साल जून में सबसे ज्यादा मांग 29 जून को 16,089 मेगावाट दर्ज की गई थी। पावरकॉम के पास 16,900 मेगावाट बिजली की मांग को पूरा करने की व्यवस्था है। इसके बाद पावर कट लगने की संभावना हो सकती है।