जांलधरः संतोखपुरा मोहल्ले में सिलेंडर ब्लास्ट मामले में नया खुलासा सामने आया है। सिलेंडर की नोजल काटते समय यह हादसा हुआ है। बताया जा रहा है कि मालिक के मना करने बाद भी सिलेंडर को काटा जा रहा था। लोगों का कहना है कि कबाड़ी की दुकान में प्लॉस्टिक की कुर्सियों के नीचे छिपाकर अस्पताल-मॉल से सिलेंडर लाए जाते थे।
इन सिलेंडरों के आगे से पीतल की नोजल निकाल बेची जाती थी। बीते दिन धमाके में जान गंवाने वाले शिवमंगल को दुकान मालिक जवाहर ने सिलेंडर की कटिंग करने के लिए मना किया था। उसने कहा था कि इसमें कुछ गड़बड़ है। उसने सिलेंडर को हिलाकर भी देखा।
जवाहर साहू ने बताया कि इसके बाद मैं वहां से दवाई लेने चला गया। मगर मेरे पीछे ही शिवमंगल ने छेनी-हथौड़ी से सिलेंडर काटना शुरू कर दिया। जिससे उसमें ब्लास्ट हो गया। ब्लास्ट में पास बैठे राम की आंख में लोहे के छर्रे लगने से उसकी एक आंख की रोशनी चली गई। पास बैठ दूसरे घायल राजेंदर के चेहरे पर घाव हो गए। दोनों जनता अस्पताल के ICU में भर्ती हैं।