जालंधरः एक अजीब मामला सामने आया है। पुलिस ने 4 साल पहले मरे हुए व्यक्ति को जिंदा पकड़ लिया। जोकि रेप के मामले में जेल में बंद था और 4 साल पहले पैरोल पर वापस आया था। आरोपी ने खुद को मृत घोषित कर दिया। खुद का मृत्यु सर्टिफिकेट जेल में जमा करवा दिया और खुद वह नए नाम से जिंदगी जी रहा था। घटना के बारे में पता लगता ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी की पहचान जालंधर की रेलवे कॉलोनी निवासी हिमांशु के रूप में हुई है। आखिरकार उसकी यह चालाकी ज्यादा दिनों तक नहीं चली, क्योंकि पुलिस की सतर्कता और गुप्त सूचना ने उसकी मौत का सच सामने ला दिया। पकड़ा गया आरोपी हिमांशु वर्ष 2018 में दर्ज दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के गंभीर मामले में जेल में बंद था। 8 अक्टूबर 2021 को वह पैरोल पर जेल से बाहर आया, लेकिन वापस लौटने के बजाय उसने साजिश के तहत खुद को मृत दिखाने की योजना बनाई। उसने किसी अज्ञात व्यक्ति की मदद से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करवाया, जिसे जेल प्रशासन के पास जमा करवा दिया गया।
रिकार्ड में हिमांशु को मृत मान लिया गया और उसका नाम बंदी सूची से हटा दिया गया। इसके बाद हिमांशु ने नई पहचान अपनाई और फरार होकर अपनी बुआ के पास सूरानस्सी इलाके में रहने लगा। उसने पहचान छिपाने के लिए अपनी दाढ़ी बढ़ा ली और रहन-सहन पूरी तरह बदल लिया। आसपास के लोग उसे नए नाम से जानते थे, किसी को यह अंदाजा भी नहीं था कि यह वही व्यक्ति है जो कानून की नजर में मर चुका है। लेकिन कुछ दिनों पहले पुलिस को मुखबिर से गुप्त सूचना मिली कि जिस व्यक्ति को रिकार्ड में मृत बताया गया है, वह अभी जीवित है और नए नाम से रह रहा है। इस सूचना के बाद पुलिस ने गहराई से जांच शुरू की। जब रिकार्ड खंगाले गए और संबंधित दस्तावेजों की जांच हुई, तो सामने आया कि हिमांशु की मौत सिर्फ कागजों पर थी। थाना डिवीजन नंबर एक पुलिस की टीम ने जब सूरानस्सी में दबिश दी, तो आरोपित वहीं अपनी बुआ के घर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद उसने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल किया।
पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी ताकि यह पता चल सके कि उसने फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र कहां से बनवाया, और इस साजिश में उसके साथ कौन-कौन शामिल था। यह भी जांच का विषय है कि किसने जेल प्रशासन तक फर्जी सर्टिफिकेट पहुंचाया, जिससे उसकी मृत्यु का रिकार्ड दर्ज किया गया। सर्टिफिकेट बनाने और जेल में पहुंचने वाले को भी नामजद किया जाएगा। वहीं पुलिस यह भी पता लग रही है कि क्या बुआ को पता था कि उसने एक कैदी को अपने यहां रखा हुआ है। यदि जानबूझकर उसे रखा गया तो रखने वाले भी केस में नामजद होंगे।
13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में जेल में बंद था आरोपी23 मई, 2018 को मकसूदां में 13 साल की बच्ची को जख्मी हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पीड़िता का पिता फैक्ट्री में काम करता था, जबकि मां मर चुकी है। बच्ची ने पुलिस को बताया था कि शाम को दो युवक घर आए और उसके सिर में ईंट मारकर दुष्कर्म किया। घर से नकदी-गहने भी लूट लिए। दूसरे दिन इलाके में 70 साल की आज्ञावंती को जख्मी कर लूट की गई थी। पुलिस ने 24 घंटे में हुई दो वारदात के बाद जीजा-साले को गिरफ्तार किया था। उन्होंने माना कि वे गैस कर्मचारी बनकर आज्ञावंती के घर की रेकी करके लौट रहे थे तो छात्रा को देख उनकी नीयत खराब हो गई थी। दुष्कर्म और लूट में हिमांशु और उसके जीजा दुर्गेश यादव को उम्र कैद और 5-5 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई।