जालंधर, ENS: देश भर में किसानों ने केंद्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जिसके चलते विभिन्न किसान संगठनों ने डीसी कार्यालय के बाहर प्रशासन और केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। वहीं जालंधर पहुंचे बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा आज देश भर में डिप्टी कमिश्नरों के दफ्तरों के बाहर धरना लगाया जा रहा है। किसानों के साथ जो अन्याय किया जा रहा है, वह सही नहीं है। किसानों को बदनाम करने के लिए नए नए तरीके अपनाए जा रहे है। किसानों को ऐसे पेश किया जा रहा है कि जैसे किसान इस समाज पर बोझ है। राजेवाल ने कहा कि असलीयत यह है कि सरकारों की पॉलिसी लोगों के हित में नहीं है।
पिछले समय में किसानों पर प्रशासन द्वारा जो अत्याचार किया गया वह निंदनीय है। वहीं हरियाणा सरकार द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग के दौरान पंजाब के प्रशासन द्वारा कोई विरोध नहीं किया गया। वहीं पंजाब के वकील हाईकोर्ट में उनकी वकालत करते रहे। उस दौरान हरियाणा सरकार की कार्रवाई के दौरान 450 किसान घायल हो गए थे। पंजाब के इलाके में घुसकर किसानों के ट्रैक्टर में तोड़फोड़ की और उनकी मशीनरी को नुकसान पहुंचाया। ऐसे में एक भी हरियाणा प्रशासन के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
आने वाले समय में एक अहम मुद्दा उबर कर सामने आ रहा है कि जिसमें राणा ट्रंप एक बड़ा थानेदार बनकर देश पर दवाब बना रहा है। अमेरिका से आए डेलीकेशन के साथ केंद्र की 25 तारीख से ट्रेड व्यापार को लेकर मीटिंग चल रही है। ऐसे में उन्होंने लगता है कि केंद्र उनके साथ समझौता कर लेगी। अगर ऐसा होता है तो अकेली खेती ही नहीं बल्कि व्यापारियों की इंडस्ट्री सहित अन्य छोटे कारोबारियों का कामकाज कारपोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा। मल्टीनेशनल कंपनियों के हाथों में सारा कामकाज चले जाने से देश में बेरोजगारी बढ़ जाएगी और गरीबी में वृद्धि होगी।
ऐसे में उससे पहले इस समझौते के विरोध में अभी से देश भर में बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए मुहिम शुरू कर दी गई है। बजट को लेकर राजेवाल ने कहा कि किसानों के लिए कुछ भी छूट नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि पंजाब के सिर पर 3.76 लाख करोड़ रुपए कर्जा चढ़ गया है, अगर इसके साथ बिजली विभाग, मंडी बोर्ड सहित अन्य मामलों को जोड़ लिया जाए तो 4.50 लाख करोड़ रुपए का कर्ज पंजाब के सिर पर चढ़ रहा है। ऐसे में केंद्र से सहूलत मिलनी तो दूर की बात है पंजाब से केंद्र का कर्ज ही चुकाना मुश्किल हो जाएगा।