जालंधर, ENS: पंजाब में बाढ़ ने कहर बरपा रखा है। 10 जिले बाढ़ के कारण बुरी तरह प्रभावित हैं। पहाड़ों से आ रहे पानी का भार झेलने के लिए बांधों की स्टोरेज क्षमता कम पड़ने लगी है। साल दर साल बाढ़ की चुनौती बढ़ रही है। साफ है कि अब आगामी वर्षों के लिए हमें अपनी तैयारी और मजबूत करनी होगी। पंजाब में बाढ़ से हालात बेहद खराब हो रहे है। विशेषज्ञों का मानना है कि बहुत जगह धुस्सी बांधों के टूटने से भी नुकसान में इजाफा हुआ है। इनके निर्माण और मरम्मत पर भी अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
इस समय पठानकोट, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, अमृतसर, तरनतारन और मोगा में हालात काफी चिंताजनक बने हुए हैं। वहीं आज एक लाख 14 हजार 782 क्यूसेक पानी भाखड़ा डैम से से रोपड़ हैडवर्कस में 18 घंटों में पहुंचेगा। वहीं रोपड़ हैडवर्कस से फिल्लौर 14 घंटों में पहुंचेगा। इसी तरह फिल्लौर से तरनतारन हरिके पतन 20 घंटे में पानी पहुंचेगा। इसी तरह हरिके पतन से सुलेमान हैडवर्कस में 28 घंटों में पानी पहुंचेगा।
दूसरी ओर जालंधर में बाढ़ को लेकर डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल का नया बयान सामने आया है। जिसमें डीसी ने बताया कि आज रोपड़ के फ्लड गेट खोल के एक लाख क्वेसिक से ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। जो कि फिल्लौर तक पहुंचते पहुंचते डेढ़ लाख से ज्यादा हो सकता है। जिससे जालंधर के फिल्लौर से लेकर शाहकोट और लोहिया तक बाढ़ के हालात भी बन सकते हैं।
जिसको लेकर डिप्टी कमिश्नर द्वारा जालंधर जिले के लोगों को दरिया के किनारे से हटाने के लिए आदेश और अपील जारी कर दी गई है। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि अगर तो पानी सही से आगे चल जाता है तो स्थिति ठीक रह सकती है। अगर पानी दरिया से बाहर आता है तो हालत बिगड़ने के असर हो सकते हैं। जिसको लेकर उन्होंने कहा कि उनकी खुद की टीम में स्टैंडबाई पर रखी गई है।
वहीं पुलिस और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमें भी स्टैंड बाय पर कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि आसपास के सभी अधिकारियों को भी अलर्ट पर रखा गया है। वहीं दरिया किनारे जितने भी इलाके हैं वहां पर गुरुद्वारा और मंदिर से इलाके को खाली करने के लिए भी अनाउंसमेंट शुरू कर दी गई है।
डीसी ने बताया कि यह सारा पानी बरसाती पानी है। उन्होंने बताया कि देर रात को प्रशासन के अधिकारी राहत कार्य में जुटे हुए है। सतलुज के साथ लगते फिल्लौर, शाहकोट और नकोदर सहित इलाको में पानी का लैवल सुबह तक बढ़ने का आदेंशा है। उन्होंने कहा कि इस लैवल के बढ़ने से नुकसान होने का आंदेश रहता है। जिसको लेकर इलाका निवासियों को अनाउंसमेंट के जरिए दरिया के कंडे ना जाने की अपील की जा रही है। पूरे जिले में 54 सेंटर बनाए गए है और आने वाले समय में लोगों की राहत और सेंटरों को बनाया जाएगा। इस दौरान अगर दरिया के आसपास एरिया में रहने वाले लोगों को वहां से अन्य सेंटरों में जाने की अपील की जा रही है।
डीसी द्वारा कल चिट्टी बेई में पानी का फ्लो बढ़ने को लेकर कहा कि उनके पास बारिश होने को लेकर कोई आदेश नहीं आए थे। उन्होंने कहा कि रात 2 बजे से टीमें सड़कों पर लोगों की राहत के लिए काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि सतुलज का पानी शहर में नहीं आया है। हालांकि चि्टी बेई में पानी के ओवरफ्लों की बात को वह टालते हुए नजर आए है। उन्होंने कहा कि बरसात के पानी और दरिया के पानी में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि वह आज सुबह से अब तक 400 से अधिक लोगों से फोन पर बात कर चुके है।
डीसी ने बताया कि यह सारा पानी बरसाती पानी है। उन्होंने बताया कि देर रात को प्रशासन के अधिकारी राहत कार्य में जुटे हुए है। सतलुज के साथ लगते फिल्लौर, शाहकोट और नकोदर सहित इलाको में पानी का लैवल सुबह तक बढ़ने का आदेंशा है। उन्होंने कहा कि इस लैवल के बढ़ने से नुकसान होने का आंदेश रहता है। जिसको लेकर इलाका निवासियों को अनाउंसमेंट के जरिए दरिया के कंडे ना जाने की अपील की जा रही है। पूरे जिले में 54 सेंटर बनाए गए है और आने वाले समय में लोगों की राहत और सेंटरों को बनाया जाएगा। इस दौरान अगर दरिया के आसपास एरिया में रहने वाले लोगों को वहां से अन्य सेंटरों में जाने की अपील की जा रही है।
डीसी द्वारा कल चिट्टी बेई में पानी का फ्लो बढ़ने को लेकर कहा कि उनके पास बारिश होने को लेकर कोई आदेश नहीं आए थे। उन्होंने कहा कि रात 2 बजे से टीमें सड़कों पर लोगों की राहत के लिए काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि सतुलज का पानी शहर में नहीं आया है। हालांकि चि्टी बेई में पानी के ओवरफ्लों की बात को वह टालते हुए नजर आए है। उन्होंने कहा कि बरसात के पानी और दरिया के पानी में काफी अंतर है। उन्होंने कहा कि वह आज सुबह से अब तक 400 से अधिक लोगों से फोन पर बात कर चुके है।