जालंधर, ENS: पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग आज गौतम अडानी पर जमकर बरसे। दरअसल, अमेरिका में अडानी ग्रुप के चेयरमैन उद्योगपति गौतम अडानी समेत 8 लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस ने अडानी पर भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (2200 करोड़ रुपए से ज्यादा) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है।
वहीं इस मामले को लेकर आज प्रेस क्लब में पहुंचे पंजाब कांग्रेस प्रधान व सासंद राजा वडिंग ने गौतम अडानी पर लगे करोड़ों रुपए की रिश्वत के आरोप में कहा कि पैसे अडानी कमा रहा है और उसका बोझ आम जनता पर पड़ रहा है। वडिंग ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि अडानी को 2600 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाता है।
वहीं इससे देश की बदनामी होती है। उन्होंने कहा कि गौतम अडानी प्रत्यके चौथे दिन कारोबारी को क्रॉस करते हुए टॉप कारोबारियों की सूची पर आ गया है। उन्होंने कहा कि यह मामला पूरी दुनियां में उजागर हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक दिन ऐसा आएगा कि वर्ल्ड के दो चार अमीर कारोबारियों में से अडानी एक होगा। राजा वडिंग ने कहा कि वह किसकी बदौलत सबसे अमीर कारोबारियों की सूची में आ रहा है।
उन्होंने कहा कि गौतम अडानी अमीर की सूचियों में रिलायंस के अंबानी को भी क्रॉस कर गया है। उन्होंने कहा कि सभी को पता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अडानी के क्या रिश्ते है। राजा वडिंग ने कहा कि गौतम अडानी कोल्ड स्टोरेज से लेकर सोलर सिस्टम, एयरफोर्स सहित सब कुछ तो उसके पास चला गया है। उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड़ रुपए का मामला है, उसमें 22 हजार करोड़ रुपए की रिश्वत है। राजा वडिंग ने कहा कि US अटॉर्नी ऑफिस के साथ अडानी ग्रीन एनर्जी कंपनी का कॉंट्रेक्ट हुआ था। उन्होंने कहाकि अमेरिका का कंपनी का नाम शेयर मार्किट में पहले से दर्ज है।
इस कारण शेयर मार्किट हैरान हो गई कि उनका पैसा भारत में सोलर एनर्जी में लग रहा है। उन्होंने आरोप लगाए है कि अमेरिका कंपनी ने सोलर सिस्टम बेचने को लेकर जब अडानी से बात की कि वहां पर 12 हजार मैगावार्ड कहां पर बेचे तो अडानी ने सरकार के साथ बातचीत के दौरान 25 लाख रुपए पर मेगावार्ड के हिसाब से रिश्वत दी। वहीं US अटॉर्नी ऑफिस ने आरोप में कहा कि अडानी ने अपनी कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी को सोलर एनर्जी से जुड़े प्रोजेक्ट्स और कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए भारतीय अधिकायों को 2100 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिश्वत दी है। उन्होंने इस बात को उन अमेरिकी बैंकों और इंवेस्टर्स छिपाया, जिनसे अडानी ग्रुप ने इस प्रोजेक्ट के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे।
अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स के अनुसार, एनर्जी कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अडानी हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी निदेशक सागर अडानी हैं। इसके अलावा, एज्योर पावर के सीईओ रहे रंजीत गुप्ता, एज्योर पावर में सलाहकार रूपेश अग्रवाल अमेरिकी इश्यूअर हैं। अडानी ग्रीन एनर्जी और अमेरिकी इश्यूअर ने सरकारी स्वामित्व वाली सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी उपलब्ध कराने का कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया था।
हालांकि, SECI को सौर ऊर्जा खरीदने के लिए भारत में खरीदार नहीं मिल पाए। ऐसे में खरीदारों के बिना सौदा आगे नहीं बढ़ सकता था और दोनों कंपनियों के सामने बड़े नुकसान का जोखिम था। इस बीच, अडानी ग्रुप और एज्योर पावर ने भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की योजना बनाई। आरोपों के मुताबिक इन लोगों ने तय किया कि सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वो राज्य बिजली वितरण कंपनियों को SECI के साथ बिजली आपूर्ति समझौते में शामिल होने के लिए तैयार करेंगे।
उन्होंने भारतीय अफसरों को करीब 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का वादा किया, जिसका एक बड़ा हिस्सा आंध्र प्रदेश के अधिकारियों को दिया गया। इसके बाद कुछ राज्य बिजली कंपनियां सहमत हुईं और दोनों कंपनियों से सौर ऊर्जा खरीदने के लिए SECI के साथ समझौता किया। भारतीय ऊर्जा कंपनी और अमेरिकी इश्यूअर ने मिलकर रिश्वत का भुगतान किया। इतना ही नहीं, अपनी संलिप्तता छिपाने के लिए कोड नामों का इस्तेमाल किया गया।