जालंधर, ENS: पनबस-पीआरटीसी ठेका कर्मचारियों की देशभगत यादगार हाल में हुई राज्यस्तरीय कंवेंशन में सरकारी बसों के चक्का जाम की चेतावनी दी गई है। यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि यदि तुरंत प्रभाव से लंबित मांगों को हल नहीं किया गया तो 21 अक्तूबर से राज्य भर में सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा। इसी क्रम में राज्यभर में रोष प्रदर्शनों का सिलसिला अगले सप्ताह से शुरू कर दिया जाएगा व जिला स्तर पर रोष रैलियां की जाएगी। विभागीय अधिकारियों की कथनी व करनी में अंतर बताते हुए यूनियन नेताओं ने कहा कि हर बार भरोसे का लालीपॉप देकर उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है जिसे अब बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि यूनियन द्वारा विचार-विमर्श करके चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है व इस दौरान पब्लिक की परेशानी के लिए विभागीय नीतियां जिम्मेदार होगी। इस मौके यूनियन के सीनियर मीत प्रधान दलजीत सिंह डल्लेवाल, चानण सिंह चन्ना, सतपाल सिंह, गुरप्रीत भुल्लर ने कहा कि यूनियन को आश्वासन दिलाने के बावजूद उन्हें पक्का करने के प्रति कोई कदम नहीं उठाए गए। यूनियन कार्यकर्ताओं ने कहा कि ट्रांसपोर्ट विभाग उम्मीद के मुताबिक लाभ दर्ज नहीं कर पा रहा। क्योंकि विभागीय नीतियों से प्राइवेट ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिल रहा है। बस अड्डों में प्राइवेट ट्रांसपोटर्स को लाभ वाले काऊंटर टाइम देने का विरोध जताया गया।
उन्होंने कहा कि सरकारी बसों को कम यात्री संख्या वाले टाइम देकर विभाग को खोखला किया जा रहा है। यूनियन के सरप्रस्त कमल कुमार, प्रदेश प्रधान रेशम सिंह गिल, प्रदेश महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि 21 से सरकारी बसों का अनिश्चितकालीन समय के लिए चक्का जाम किया जा रहा है। क्योंकि सरकार उनकी मांगों को ठंडे बस्ते डाल दिया है। सरकार को कुंभकर्णी निंद्रा से जगाने के लिए उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस चक्का जाम के दौरान ट्रांसपोर्ट मंत्री सहित विभिन्न मंत्रियों के निवासों का घेराव किया जाएगा। वहीं आने वाले दिनों में सरकारी कार्यक्रमों के दौरान काले झंडों के साथ मंत्रियों का विरोध किया जाएगा।