जालंधरः बैक डेट अष्टाम बेचने पर डीसी ने कार्रवाई करते नितिन पाठक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से डीसी को पत्र लिखकर उक्त मामले में कार्रवाई करने के लिए कहा गया था, लेकिन सरकारी मुलाजिमों की मिलीभगत से कई महीनों तक यह चिट्ठी फाइलों में ही दबी रही। दोबारा जांच शुरू हुई तो नितिन पाठक को इस मामले में दोषी पाया गया। साल 2023 में आयकर विभाग ने पंजाब के नामवर पास्टर पर बड़ी कार्रवाई की थी।
जांच में ही अष्टाम फरोश पाठक पर कार्रवाई हुई थी। इनकम टैक्स विभाग की जांच में सामने आया कि कोरोना काल के दौरान आम दिनों में एक दिन में करीब 10-20 अष्टाम ही जारी हुए, लेकिन सीरियल नं. 3362 और 3363 नंबर के अष्टाम को बेचते समय पेन ड्रंक चेंज हो रही है जो कि ब्राइट मीडिया को बेचा गया है।
इनकम टैक्स विभाग ने सवाल खड़े किए कि कोविड में जब पब्लिक कर्फ्यू था और धारा 188 लागू थी तो इतने अष्टाम पेपर किसे और कैसे दिए गए? साल 2024 में एसडीएम से लेकर जिला रेवेन्यू अधिकारी, एडीसी ने उक्त मामले में कई बार जांच की, जिसमें पाया कि पिछले कई सालों से जिस एड्रेस पर लाइसेंस लिया गया है उक्त व्यक्ति वहां पर काम नहीं करता और जिला प्रशासकीय कॉम्प्लेक्स में ही काम करता है। इसमें अब डीसी की तरफ से उक्त अष्टाम फरोश का लाइसेंस रद्द किया है और जिला प्रशासन को झूठ बोलने और सच्चाई छिपाने के चलते डीए लीगल को भी कानूनी कार्रवाई के लिए लिखा है।