जालंधर, ENS: देश भर में बीएसएनल की परफॉर्मेंस को लेकर अब कई सवाल खड़े होने लगे हैं। जिसके चलते ग्राहक भी बीएसएनएल की सर्विस लेने से गुरेज करते हुए नजर आए। जहां जिओ एयरटेल और वोडाफोन की सर्विस कामकाज की जरूर में उसे किए जाते हैं वहां स्पीड को लेकर बीएसएनल अब इस दौड़ में सबसे पीछे दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। वहीं आज बीएसएनएल दफ्तर पहुंचे सासंद चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उन्होंने इस दफ्तर के सभी अधिकारियों से बात की और उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल काफी बड़ा दायरा है।
चन्नी ने बताया कि 1995 में वह इस कमेटी के प्रधान थे। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा इस कमेटी को खरड़ में बीएसएनएल के लिए जगह दी गई थी, लेकिन आज उस दफ्तर पर ताला लगा हुआ है। टेलीफोन के कारोबार को सभी सरकार ने दीवालिया घोषित कर दिया है।
केंद्र सरकार की पॉलिसी के कारण बीएसएनएल को काफी नुकसान हो रहा है। केंद्र पर निशाना साधते हुए चन्नी ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को फायदा पहुंचाया जा रहा है। बीएसएनएल ने 4जी की शुरुआत की थी, लेकिन उसके बावजूद बीएसएनएल को भारी नुकसान हो रहा है।
केंद्र की घटिया पॉलिसी को लेकर बीएसएनएल को यह नुकसान हो रहा है। हालांकि भारत का यह इकलौती कंपनी है जिसकी टक्कर में कई वर्षों तक कोई भी कंपनी सरवाइव नहीं कर पाई। वहीं अब प्राइवेट स्टेशन के चलते अब बीएसएनल की कंडीशन काफी खराब हो चुकी है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने पार्लियामेंट में बीएसएनल को लेकर सवाल उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल कंपनी आज डूबने की कगार पर पहुंच चुकी है, जिसको लेकर देश भर में चिंता का विषय जरूर बना हुआ है। इस मामले को लेकर पार्लियामेंट में उठाना जरूरी हो चुका है। चन्नी ने कहा कि अगर सभी कुछ अंदानी और अंबानी सहित प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया तो सरकारी कंपनियों को काफी नुकसान पहुंचेगा।