जालंधर, ENS: मशहूर बॉलीवुड सिंगर मास्टर सलीम के पिता व उस्ताद पूरन शाहकोटी का 23 दिसंबर को निधन हो गया था। पूरन शाह कोटी को आज जालंधर में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। शाहकोटी लंबे समय से बीमार चल रहे थे। जैसे ही उनके निधन का पता चला तो उनसे संगीत सीखने वाले हंसराज हंस तुरंत घर पहुंचे। इस दौरान हंसराज हंस अपने गुरू के दुनिया छोड़ने पर वह खूब रोते नजर आए।
उनके शागिर्द हंसराज हंस ने सहित कई दिग्गज कलाकार आज पूरन शाहकोटी की पार्थिव देह अंतिम दर्शन करने पहुंचे है। परिवार ने बताया कि पटियाला संगीत घराने के चिराग शाहकोटी ने अपनी गायकी से शाहकोट कस्बे को विश्व में पहचान दिलाई। समय के साथ वे जालंधर सिटी आकर रहने लगे।
जालंधर को उन्होंने काफी कुछ दिया। उन्होंने साधारण परिवारों के बच्चों को संगीत की रोशनी दी। ये संगीत उन्हें बॉलीवुड तक लेकर गया। उस्ताद पूरन शाहकोटी के आवास पर उनके शागिर्द पूर्व सांसद हंस राज हंस पहुंचे। आज दोपहर 12 बजे उन्हें उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक देओल नगर में उनके घर के पास ही अंतिम विदाई दी जाएगी। उस्ताद शाहकोटी की आखिरी इच्छा यही थी कि उनकी पार्थिव देह को श्मशान घाट न ले जाया जाए।
वहीं कमल खान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरन शाहकोटी उनके गुरु के गुरुभाई है और वह उनके बच्चे है। अब वह इस दुनियां को अलविदा कह गए, जिसके कारण आज मन काफी उदास है। उन्होंने कहा कि आज गुरु का हाथ हमारे सिर से उठ गया है, ऐसे में वह सभी से परमात्मा को अरदास करने की अपील करेंगे कि परमात्मा उन्हें अपने चरणों में स्थान से और परिवार को सहन शक्ति प्रदान करें। उन्होंने कहा कि गुरु ने मुझ जैसे रूल रहे गायक को काफी कुछ सिखाया।
दूसरी ओर गुरलेज अख्तर ने कहा कि आज गुरु के अतिंम दर्शन करने पहुंचे है। उन्होंने कहा कि आज एक म्यूजिक इंडस्ट्री की सदी का अंत हो गया। वहीं उन्होंने फिर से 2 दिन पहले मुलाकात के दौरान बेटे तानवीर के गानों को लेकर बातें की और पुरानी यादों को फिर से ताजा किया। गुरलेज ने कहा कि अब युवा पीढ़ी को गाने से पहले अदब कौन सिखाएगा यह सबसे बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि परिवार को उनके जाने का घाटा तो होगा, वहीं इंडस्ट्री को भी काफी बड़ा नुकसान हुआ है।
अतिंम दर्शन करने पहुंचे मुकेश अनायत ने कहा कि आज पूरी संगीत इंडस्ट्री रो रही है। आज यह नुकसान इंडस्ट्री का कभी पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारी इंडस्ट्री का सब कुछ पूरन शाहकोटी थी। आखिरी बार उनकी 2 दिन पहले मुलाकात हुई थी और वह अब उन्हीं पलों को याद कर रहे है। उन्होंने कहा कि सभी को वह एक ही संदेश देते थे कि अच्छा बोलना और अच्छा व्यवहार करना था। इस दौरान शायरी अंदाज में कहा कि बोते रोनंगे दिला दे जानी, मां बाप तैनू घट रोणंगे। उन्होंने कहा कि वह फकीरी आत्मा थे। ऐसे में परमात्मा उन्हें अपने चरणों में स्थान दें।
