दोनों देशों की जंग में फ्रंट लाइन पर रहे सरबजीत ने हालातों को लेकर किया खुलासा
जंग में मारे गए जवानों के 3 से 4 माह तक सड़कों पर रहते शव
जालंधर, ENS: रूस और यूक्रेन में पिछले 2 साल से जंग जारी है। वहीं यूक्रेन में कई पंजाबी अभी भी फंसे हुए है। जिनमें जालंधर के जगदीप का भाई भी शामिल है। हाल ही में जगदीप भाई को ढूंढने के लिए रशिया गया था, जहां उसे भाई अभी तक नहीं मिला, लेकिन कुछ अहम सुराग मिले थे। जिसके बाद अब जगदीप यूक्रेन से हाल ही लौटे अन्य व्यक्ति और कुछ साथियों के साथ मिलकर दिल्ली में जंतर मंतर पर धरना लगाने के लिए रवाना हो गया है। जगदीप ने बताया कि कल दिल्ली में जंतर मंतर पर उनके और यूक्रेन में फंसे लोगों के परजिनों द्वारा धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान हाल ही में यूक्रेन से लौटे अमृतसर के सरबजीत उनके साथ दिखाई दिए।
जिन्होंने जंग के दौरान फ्रंट लाइन पर रहते हुए वहां के हालातों के बारे में बताया। मामले की जानकारी देते हुए सबरजीत सिंह ने कहा कि जंग में वह फ्रंट लाइन पर थे। सिंतबर में वापिस अमृतसर अपने घर लौटे है। दोनों देशों में जारी जंग को लेकर कहा कि वहां पर दिन रात ब्लास्ट होते रहते है। उन्होंने कहा कि 22 लोगों का ग्रुप था, जिसमें 13 लोग पहले गए थे। जहां महाराष्ट्र के रहने वाले श्रीकांत सालेगृह की मौत हो गई। वहीं पंजाब के कई लोग वापिस आ गए है, लेकिन जगदीप के भाई सहित 14 से 15 लोग अभी भी वहां पर फंसे हुए है। दिल्ली जनशन पर धरना प्रदर्शन करने के लिए अब सभी लोग जा रहे है। धरने को लेकर सरबजीत ने कहा कि जगदीप हाल ही में यूक्रेन भाई को ढूंढने के लिए गया था, लेकिन कुछ नहीं पता चला। जिसके चलते अब दिल्ली में प्रदर्शन के लिए रवाना हो रहे है।
सरबजीत ने बताया कि उसकी अप्रैल 2024 में ज्वाइनिंग हुई थी। इस दौरान वहां दोनों देशों चल रही जंग को लेकर हकीकत बयां करते हुए कहा कि वहां हालात इतने खराब है कि जंग के दौरान अगर किसी की जवान की मौत हो जाती है तो उसके शव को 3 से 4 माह तक उठाया नहीं जाता है। जब शरीर पर हड्डियां रह जाती है तो पीछे से शवों को उठाने के ऑर्डर आते है। इस दौरान पॉलिथिन में डालकर शव को ले जाया जाता है। सरबजीत ने बताया कि उनके खाने में कुछ मिला दिया गया था, जिसके चलते अस्पताल में भर्ती रहे है। सिंतबर में वह वापिस आए थे, कुछ कारणों के चलते वह 2 माह जेल में भी रह चुके है। दस्तावेज ना होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा। उसकी सैलेरी भी वहीं पड़ी है। ऐसे में अब वह धरना प्रदर्शन में जाकर अपने मुद्दों को भी रखेंगे।
वहीं जगदीप ने कहा कि रशिया में फंसे हुए लोगों में उसका भाई शामिल है। सरकार द्वारा उनकी बात नहीं सुनी जा रही है, जिसके चलते आज दिल्ली प्रदर्शन के लिए अन्य रशिया में साथियों के परिजनों के साथ प्रदर्शन करने के लिए जा रहे है। दिल्ली में प्रदर्शन को लेकर ई-मेल के जरिए इजाजत मांगी थी, वहां पर धरने की मंजूरी मिल गई है। ऐस में कल जतंर मंतर में प्रदर्शन किया जाएगा। जगदीप ने कहा कि पिछले एक साल से सरकार से भाई को ढूंढकर भारत लाने की अपील कर चुका है। जिसके चलते अब उन्हें लगता है कि प्रदर्शन करने से विदेश में फंसे युवाओं को भारत लाने में मदद मिलेंगी। जगदीप ने कहा कि राहुल गांधी और ओवेसी को मेल की हुई है। लेकिन अभी दोनों विदेश यात्रा पर है। उम्मीद है कि राहुल गांधी 30 को भारत वापिस आ जाएंगे और उनका सहयोग मिल सकता है।