खतरे की आशंका के कारण नहीं बता रहा एजेंट का नाम
जालंधर, ENS: रूस और यूक्रेन में अभी तक जंग जा रही है। वहीं रूस में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल के कई नौजवान फंसे हुए है। हाल ही में रूस में फंसे मोहल्ला गोबिंदगढ़ में रहने वाले हरमिंदर सिंह की वीडियो जारी हुई थी। जिसमें उसने केंद्र सरकार और एबेंसी ने रूस से निकालने की गुहार लगाई थी। वहीं अब हरमिंदर सिंह की एक और वीडियो सामने आई है, जिसमें उसने पूरी दास्तां बताई है।
खतरे की आशंका के चलते हरमिंदर सिंह उसको विदेश भेजने वाले एजेंट का नाम भी नहीं बता रहा है। वीडियो में हरमिंदर सिंह बता रहा है कि खाने के नाम पर सिर्फ रोजाना दो ब्रेड के पीस देते हैं। जिस जगह पर उन लोगों को रखा गया है, वहां ड्रोन गिरते हैं, जिनसे उनकी जान को खतरा है। इन लोगों ने अपने स्तर पर इंडियन एंबेसी और रशियन एंबेसी से भी संपर्क किया है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है।
इनके पासपोर्ट और कागजात भी रख लिए हैं। हरमिंदर सिंह ने बताया कि 5 माह पहले एक एजेंट के माध्यम से वह टूरिस्ट वीजा पर रूस गया था। उसे कहा गया था कि उसको एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में नौकरी के साथ पीआर (स्थायी नागरिकता) भी मिल जाएगी। करीब दो माह बाद उसे बताया गया कि रूस की सेना के ट्रेनिंग सेंटर में निर्माण का काम है, जिसमें काम करने के लिए उन लोगों से जबरन एक साल का करार कर हस्ताक्षर करवा लिए। बाद में उसे ट्रेनिंग देने का काम शुरू किया गया।
इसके बारे में कहा गया कि सेल्फ डिफेंस के लिए उसे यह ट्रेनिंग दी जा रही है। करीब 20 दिन की ट्रेनिंग के बाद ही उसके ग्रुप को मोर्चे पर लड़ने के लिए भेज दिया गया, जहां भीषण गोलीबारी हो रही थी। विरोध करने पर उनको एक जगह पर रखा गया है, जहां उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। हरिमंदर सिंह के दोस्त ने बताया कि हरमिंदर के माता-पिता की मौत हो चुकी है। एक छोटा भाई है और बहन की शादी हो चुकी है। हरमिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री से गुहार लगाई है कि उन लोगों को यहां से निकालकर वापस भारत लाया जाए।