जालंधर, ENS: स्कूलों में अप्रैल शुरू होते ही नया सेशन शुरू हो गया है। जिसको लेकर अब बाजारों में बच्चों की किताबों और कॉपियों को लेकर भीड़ देखने को मिल रही है। सबसे व्यस्त और तंग बाजार माई हीरां गेट में इस माह दुकानों पर भारी मात्रा में अभिभावक बच्चों की किताबें और कॉपियां खरीदने के लिए पहुंचते है। दरअसल, कुछ प्राइवेट स्कूलों की तरफ से अपने पब्लिशरों के पास अभिभावकों को किताबें लेने के लिए भेजा जा रहा है। जहां कुछ दुकानदारों द्वारा बिना बिल के स्कूलों का सामान बेचा जा रहा है। जिसकी सूचना जीएसटी विभाग को मिल गई। इसी के चलते जीएसटी विभाग की टीम ने माईं हीरा गेट में पब्लिशरों की दुकानों पर दबिश दी।
जीएसटी विभाग के जिला-2 की तरफ से असिस्टेंट कमिश्नर सुनील कुमार की अगुआई में स्टेट टैक्स अधिकारी शैलेंद्र सिंह और धर्मेंद्र कुमार द्वारा दुकानों पर कार्रवाई की गई। अधिकारियों कहा कि उन्हें पता चला है कि कुछ पब्लिशर बिना बिल के ही किताबों के सेट अभिभावकों के बेच रहे हैं और उनसे मोटी रकम वसूली जा रही है। इन किताबों के सेट में रजिस्टर, स्टेशनरी, टिफन बॉक्स और बैग इत्यादि शामिल हैं, जिनकी कीमत 5 से 10 हजार रुपए है। किसी भी अभिभावक को बिल नहीं दिया जा रहा है। जिस पर सरकार का सीधे रूप से टैक्स चोरी किया जा रहा है।
जिसको लेक स्टेट टैक्स अधिकारी शैलेंद्र सिंह और धर्मेंद्र कुमार की तरफ से पंजाब बुक शॉप माई हीरां गेट और एमजीएन स्कूल के पास नीलम पब्लिशर अड्डा टांडा व कपूरथला में कैंब्रिज इंटरनेशनल स्कूल के पास बड़ी सर्च की है। यह दोनों पब्लिशर पहले से ही जीएसटी दायरे में है और बड़ी बात यह है कि इन दोनों पर पिछले महीनों जब जीएसटी विभाग की तरफ से बिजनेस टू कस्टमर (बीटूसी) अभियान चलाया गया था तब भी इन्हें जुर्माना किया गया था। बावजूद इसके इनके खिलाफ बड़ी सर्च की गई है। इन पब्लिशर्स के पास किताबों सहित अन्य सामान भी है, जो 12 फीसदी और 18 फीसदी जीएसटी के दायरे में है। जीएसटी विभाग की तरफ से दोनों पब्लिशरों के स्टॉक को भी चेक करने के साथ बिल बुक, लूज पेपर सहित अन्य रिकॉर्ड कब्जे में लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया है।