जालंधर, ENS: पंजाब राज्य व्यापारी आयोग के जिला प्रधान इंद्रवंश सिंह चड्ढा ने जीएसटी भवन में प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब कैबिनेट ने राज्य की अर्थव्यवस्था को तेज़ रफ्तार देने और कारोबार को प्रोत्साहन देने के मकसद से कई अहम फैसलों पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि त्यौहारी सीजन पर पंजाब के व्यापारी वर्ग के लिए यह एक बड़ा तोहफा है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने पुराने मामलों का बोझ घटाने और उद्योगों व कारोबारों के लिए कंप्लायन्स सुनिश्चित करने के लिए लंबित बकाया की वसूली हेतु “पंजाब वन टाइम सेटलमेंट स्कीम 2025 (ओटीएस)” को मंजूरी दे दी है।
यह योजना 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगी और 31 दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगी। जिन करदाताओं के आकलन 30 सितंबर 2025 तक किए जा चुके हैं और जिनकी आकलन आदेश संबंधी सभी सुधार/संशोधन संबंधित विभाग द्वारा 30 सितंबर 2025 तक पास किए गए हैं (पंजाब जनरल सेल्स टैक्स एक्ट, 1948, सेंट्रल सेल्स टैक्स एक्ट, 1956, पंजाब इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन एक्ट, 2002, पंजाब वैट एक्ट, 2005, पंजाब एंटरटेनमेंट ड्यूटी एक्ट, 1955 और पंजाब एंटरटेनमेंट टैक्स सिनेमैटोग्राफ शोज़ एक्ट, 1954 के अंतर्गत), वे इस स्कीम के तहत निपटारे के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।
उन्होंने बताया कि इस ओटीएस स्कीम के तहतः जिन मामलों में कर की राशि 1 करोड़ रुपये तक है, उनमें ब्याज पर 100% छूट, जुर्माने पर 100% माफी और टैक्स राशि पर 50% छूट मिलेगी। 1 करोड़ से 25 करोड़ रुपये तक के बकाया मामलों में ब्याज पर 100% छूट, जुमनि पर 100% माफी और टैक्स पर 25% की छूट मिलेगी। 25 करोड़ रुपये से अधिक की टैक्स राशि पर ब्याज और जुर्माना पूरी तरह माफ होगा। इसी के साथ ही टैक्स रकम में 10% की छूट दी जाएगी। इंद्रवंश सिंह चड्ढा ने शैलर मालिकों को बधाई देते हुए कहाकि पंजाब सरकार ने उनके लिए भी ओटीएस को मंजूरी दी है। हर मिल मालिक को मिलिंग का समय खत्म होने के बाद हर सरकारी खरीद एजेंसी के साथ अपने खातों का निपटान करना होता है, ताकि अगले साल कस्टम मिलिंग हेतु धान की अलॉटमेंट मिल सके।
कई मिल मालिकों ने अपना बकाया जमा नहीं कराया था, जिस कारण उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर उनके खिलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई शुरू की गई थी, जो कई वर्षों से अदालतों/लीगल फोरमों में लंबित है। उन्होंने कहा कि यह नई ओटीएस स्कीम तमाम लंबित मामलों को कम करने और बीमार चावल मिलों को दोबारा कार्यशील बनाने के लिए लाई गई है, जिससे राज्य में रोज़गार के ज़्यादा मौके पैदा होंगे। इससे खरीफ की खरीद सीज़न के दौरान मंडियों में से धान की खरीदी समय पर और सुचारू ढंग से होगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
इंद्रवंश सिंह चड्ढा ने बताया कि पंजाब कैबिनेट ने करदाताओं की सुविधा और टैक्स कंप्लायन्स सुनिश्चित करने के लिए “पंजाब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (संशोधन बिल) 2025” को भी मंजूरी दी है। उल्लेखनीय है कि वित्त अधिनियम 2025 ने जीएसटी काउंसिल की सिफारिश पर केंद्र सरकार के “गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स एक्ट, 2017” में संशोधन किया है, और उसी तर्ज पर पंजाब जीएसटी एक्ट 2017 में भी संशोधन किए जाएंगे। उन्होंने पंजाब के व्यापारियों को दिवाली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सरकार व्यापारिक वर्ग की समस्याओं को हल करने और उन्हें सौहार्दपूर्ण माहौल देने के लिए वचनबद्ध है।