गोलियां लगने से घायल मोगा का बूटा सिंह
जालंधर, ENS: रूस और यूक्रेन में अभी भी युद्ध जारी है। वहीं रूसी सेना में धोखे से पंजाबी युवकों सहित कई भारतीयों को भर्ती किया जा रहा है। वहीं जालंधर का गुरसेवक और मोगा के गांव का 25 वर्षीय बूटा सिंह को रूसी सेना में धोखे से भर्ती किया गया। हाल ही में गुरसेवक ने वीडियो कॉल के जरिए बताया था कि उनके कुछ साथियों को फ्रंट लाइन पर युद्ध के लिए भेजा दिया गया है। जिसके बाद अगले बैच में उन्हें भी फ्रंट लाइन में लड़ने के लिए भेजा जाएगा। हालांकि उसके बाद गुरसेवक से दोबारा बात नहीं हो पाई। लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध में मोगा के बूटा सिंह को 9 गोलियां लगी है। घायल बूटा सिंह को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया। बूटा की अस्पताल में उपचार की एक तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें बूटा सिंह की नाक में पाइप लगी हुई है।
दूसरी ओर रूस से जालंधर वापिस लौटी लड़की ने वीडियो कॉल के जरिए वहां के हालातों के बारे में अहम खुलासे किए है। लड़की ने बताया कि वहां के हालात खतरे से खाली नहीं है। लड़की ने बताया कि रूस-यूक्रेन की जंग में मोगा के बूटा सिंह को 9 गोलियां लगी है। वहीं गुरसेवक सहित कई भारतीय नौजवान रूस-यूक्रेन जंग में फंसे हुए है। जालंधर लौटी लड़की ने बताया कि रूस में हालात बहुत नाजुक है और खराब हो चुके हैं और वहां पर भारतीय नागरिक सुरक्षित नहीं है। काल्पनिक नाम सोनिया ने बताया कि गुरसेवक और बूटा सिंह सहित कई अन्य नौजवान रूसी आर्मी में भर्ती किए गए हैं और अब उनसे उसका भी संपर्क टूट चुका है।
वीडियो कॉल के जरिए इंटरव्यू देते हुए सोनिया ने कहा कि 10 सितंबर 2024 को वह रूस गई थी। 8 महीने रशिया में रहने के बाद अब वह वापिस जालंधर लौटी है। लड़की ने बताया कि आर्मी में जो युवा जा रहे हैं उनमें से एक लड़का गुरसेवक उनके अपार्टमेंट में रहता था। गुरसेवक के साथ 3 और लड़के भी रूसी आर्मी में भर्ती हुए हैं। इसके साथ फोन के जरिए कई ओर नौजवानों का कॉन्टैक्ट हुआ था जो रो-रो कर वहां की दास्तां को बता रहे थे कि वह किस तरह आर्मी सेना में फंस चुके हैं और उनकी मदद की जाए। अपार्टमेंट के दो रूम में 10 लोग रहते थे, जिसमें एक रूम में लड़कियां और दूसरे रूम में लड़के रहते थे। गुरसेवक का दोस्त सुखचैन के साथ उसकी बात हुई थी। जहां गुरसेवक ने बताया कि उसका वीजा खत्म होने वाला था।
वह उसके साथ टैक्नो का काम करता था। दोनों दिन और रात की अलग-अलग शिफ्टों में काम करते थे। दोनों को काम से निकाल दिया गया था और दोनों को 15 दिन की सैलेरी भी नहीं दी गई। जिसके बाद गुरसेवक ने सुखचैन से वीजा खत्म होने को लेकर बात की। गुरसेवक का 16 सितंबर को वीजा खत्म होने वाला था। जिसके बाद सुखचैन ने आर्मी में भर्ती को लेकर उसे बात की और उससे दस्तावेज मांगे। आर्मी में भर्ती होने को लेकर टिकट के 5-5 हजार रुपए लिए गए। जिसके बाद गुरसेवक, बूटा सिंह और अन्य साथी ने टिकट के पैसे दे दिए और तीनों को आर्मी में भर्ती किया गया। गुरसेवक 18 अगस्त को आर्मी में भर्ती होने को लेकर चला गया।
आखिरी समय में माता से बात करने के बाद आर्मी में चला गया। लड़की ने बताया कि वह वर्क परमिट पर गई थी, जबकि गुरसेवक सहित अन्य साथी स्टूडेंट वीजा पर रूस गए थे। आर्मी की महिला सुखचैन को जानती है। आर्मी महिला ही सभी भारतीयों को आर्मी में भर्ती करती है। सुखचैन वहां कॉलेज में गुरसेवक से साथ पढ़ता था और वहां पर दोनों में दोस्ती हुई थी। बूटा सिंह ने लड़की को मैसेज के जरिए बताया कि वह उसे काफी गोलियां लगी है और उसकी हालत भी बेहद खराब है। सोनिया ने खुलासा किया है कि गुरसेवक गुरदासपुर का रहने वाला है और उसने जालंधर के रिश्तेदार के पते पर अपना पासपोर्ट बनाया हुआ है। सोनिया ने बताया कि आज 11 दिन हो गए उसने बात नहीं की। सोनिया ने बताया कि उसकी माता का निधन हो गया था, ऐसे में वह 18 सितंबर को जालंधर वापिस लौट आई थी।
रूस में फंसे लोगों की मदद को लेकर सोनिया ने कहा कि उसने कई बार रशिया अबेंसी में मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की। सोनिया ने बताया कि वहां पर उसके साथ सभी पंजाबी और भारतीय फंसे हुए है और उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। सोनिया 15 अगस्त 2024 को गई थी और समाप्त अवधि 14 अप्रैल 2025 की थी। सोनिया ने बताया कि वीजा उसका चेंज हो गया था और जनवरी तक का वीजा उसके पास मौजूद है। रूस के हालात देखकर सोनिया इतना डरी हुई है कि अब वह दोबारा रूस नहीं जाना चाहती। सोनिया ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से पंजाबियों सहित फंसे भारतीयों को भारत लाने की अपील की है।