जालंधर, ENS: पोक्सो एक्ट मामले में फिल्लौर थाने में एसएचओ रहे भूषण कुमार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने भूषण कुमार की याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं जमानत याचिका खारिज होने के बाद पुलिस प्रशासन में हलचल मच गई है। कोर्ट में सबूत किए पेश के बाद दूसरे पक्ष की दलील सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि कानून के तहत इस मामले में कार्रवाई तेज की जाएगी। सूत्रों के अनुसार भूषण कुमार का केस आखिरी पड़ाव पर है। दरअसल, भूषण कुमार के खिलाफ दलील दी गई कि वह जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकता है और उन्हें खतरा है।
हाई कोर्ट ने इन दलीलों को मान लिया और जमानत पटीशन पर रोक जारी लगा दी है। भूषण कुमार को अभी पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि केस में पेश किए गए सबूतों और जांच की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस स्टेज पर जमानत देना सही नहीं होगा। दूसरी ओर चाइल्ड कमीशन के चेयरमैन कंवरदीप सिंह ने खुद निगरानी की और भूषण कुमार के खिलाफ केस शुरू किया। स्थानीय नागरिकों और सोशल वेलफेयर संगठनों ने भी कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है और निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई है।
बता देंकि फिल्लौर क्षेत्र में यह मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है और स्थानीय नागरिक भी अदालत के फैसले को महत्वपूर्ण कदम के रूप में देख रहे हैं। भूषण कुमार पर नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ दुर्व्यवहार तथा यौन उत्पीड़न के आरोप हैं। आरोप है कि उन्होंने नाबालिग पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय उसे और उसकी मां को परेशान किया। मामला तब सामने आया जब पीड़िता और उसकी मां न्याय हेतु थाने पहुंची थीं।
आरोप है कि एसएचओ ने उल्टा उनका फोन रिकॉर्ड किया और बातचीत अश्लील/अनुचित तरीके से की, जिससे ऑडियो वायरल हुआ। पुलिस ने उनके खिलाफ थाना फिल्लौर में FIR दर्ज की, जिसमें आरोपों के आधार पर धारा 504, 334, 75(1) BNS, 67(D) पुलिस एक्ट और I.T. एक्ट समेत अन्य धाराएं शामिल हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ भूषण कुमार को लाइन हाजिर (सस्पेंड) कर दिया गया।