जालंधर, ENS: पूर्व सिविल सर्जन लैहंबर से लाखों रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। जहां करतारपुर निवासी रिटायर्ड सिविल सर्जन को शेयर मार्किट के जरिए जाली वॉट्सअप ग्रुपों में एड करके लाखों रुपए नौसरबाजों ने ठग लिए। इस बात का खुलासा उस समय हुआ जब पूर्व सिविल सर्जन पैसे निकालने लगा, लेकिन पैसे नहीं निकले। इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। दरअसल, पूर्व सिविल सर्जन ने शेयर बाजार में इनवेस्ट करने का ऑनलाइन विज्ञापन देखा तो उसे फॉलो करना शुरू दिया। इस दौरान एक दिन कंपनी से उसे कॉल आई और कॉलर ने रिटायर्ड सिविल सर्जन लैहंबर निवासी गांव नौगज्जा को 2 वॉट्सअप ग्रुपों में जोड़ा।
वहां लोग पैसा इनवेस्ट करने तथा अच्छी कमाई के अनुभव बता रहे थे। लोगों की चैट देख लैहंबर ने पत्नी के बैंक खातों से 7 लाख रुपए समेत कुल 50,31,935 रुपए अज्ञात लोगों के कहने पर अलग-अलग बैंक खातों में डाल दिए। जब अपना पैसा निकालने लगे तो रिक्वेस्ट रिजेक्ट हो गई। इसके साथ ही ‘5 पैसा’ नामक मोबाइल एप्लीकेशन भी बंद हो गई। मामला देहाती साइबर थाने में दर्ज किया गया है। लैहंबर राम ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 2024 में शेयर मार्केट में पैसा इनवेस्टमेंट करने संबंधी कंपनी का विज्ञापन देखा था।
वहीं से अज्ञात शख्स को उनका डेटा मिला। उसने वाट्सएप ग्रुपों ‘5 पैसा सीनियर ग्रुप 4’ और ‘विक्टोरिया लाइट्स ए१’ में शामिल किया। इन ग्रुपों में अलग-अलग आईडी के लोग इनवेस्टमेंट करने की फोटो शेयर कर रहे थे। फिर मार्जिन की काफी अधिक रिटर्न के मैसेज डाल रहे थे। इसके बाद रिटायर्ड सिविल सर्जन से अज्ञात शख्स ने संपर्क साधा। उन्हें भी इनवेस्टमेंट के लिए प्रेरित किया।
उसकी बातों में आकर 30 दिसंबर, 2024 से 3 मार्च तक 33,13,935 रुपए अलग-अलग खातों में जमा किए। इसके बाद 7 लाख रुपए पत्नी के बैंक खाते से भी दे दिए। ठगों ने बंधन बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, आईडीएफसी बैंक, स्टेट बैंक सहित दर्जनभर खाता नंबर दिए, जहां वे पैसे डाल रहे थे। अधिकारी का ऑनलाइन इनवेस्टमेंट प्रोफाइल बना हुआ था, जिसमें उन्हें 2,83,935 रिटर्न बताई गई थी। जब पैसा वापिस निकालने लगे तो एप बंद हो गई। पुलिस की जांच उन्हीं बैंक खातों के ट्रांजेक्शन रूट पर टिकी है, जिनमें रिटायर्ड सिविल सर्जन ने पैसा डाला था।