जालंधर, ENS: रावी और सतलुज नदियों के बांध टूटने के कारण पिछले कुछ दिनों से प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में भारी तबाही मची हुई है। माझा और दोआबा क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। लगातार हो रही बारिश ने पंजाब को एक विशाल सागर में तब्दील कर दिया है। रणजीत सागर बांध, भाखड़ा और पोंग बांध जैसे बड़े बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण सतलुज और रावी ने अपने किनारे तोड़कर हजारों एकड़ जूने की फसल को निगल लिया है। गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
डेरा बाबा नानक में रावी ने करतारपुर कॉरिडोर के पास धुसी बांध तोड़ दिया है, जिससे गांव पंखोके टाहली साहिब और आसपास के इलाके पानी में डूब गए हैं। रास्ते बंद हो गए हैं, आवागमन ठप हो गया है और गांवों को द्वीप जैसी स्थिति में ला दिया गया है। भारी बारिश ने हिमाचल से आने वाले पानी को और बढ़ा दिया है, जिससे नदियों का स्तर खतरे की सीमा पार कर चुका है। लोग अपने घर छोड़कर ऊंचे स्थानों की ओर भाग रहे हैं। पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे और किसानों की फसलें पानी में डूब कर नष्ट हो चुकी हैं। तरनतारन और फिरोजपुर में हजारों एकड़ जूने की फसल तबाह हो गई है, जो न केवल खेती को नुकसान पहुंचा रही है बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी डुबो रही है।
बीते समय में बाढ़ की चपेट में आए गांव जैसे बरामपुर, बामनी, झबकरा, मराड़ा, चक मकौड़ा, नवां चंडीगढ़, दबरजी, जोगर, भूताना जोगर, दौलतगढ़, कोठे ऐवे, चिट्टी, चक राम सहाए, नवां तकला, धीरा घारा, मलकपुर और अन्य टानियों में कलगीधर ट्रस्ट बरू साहिब द्वारा बाढ़ पीड़ितों को घर-घर लंगर, दूध, पानी, राहत किटें और पशुओं के लिए चारा आदि नौकाओं के माध्यम से वितरित किया जा रहा है। इन गांवों में अब तक 528 से अधिक व्यक्तियों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। यह टीम स्थानीय लोगों की जरूरतें पूरी करने वाली पहली टीम है, जो लंगर के साथ-साथ अन्य आवश्यक वस्तुएं भी उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
मामले की जानकारी देते हुए कलगीधर ट्रस्ट बड़ू साहिब के अध्यक्ष डॉ. दविंदर सिंह और उपाध्यक्ष भाई जगजीत सिंह काका ने भरोसा दिया कि जिन क्षेत्रों में पानी भर जाने से बाढ़ जैसी स्थिति बनी है, वहां के लोगों को बाहर निकालने के लिए ट्रस्ट की ओर से राहत किटें पीड़ितों तक पहुंचाई जा रही हैं और इन बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी तथा आवश्यक सामग्री मुहैया करवाई जाएगी। इसके साथ ही घग्गर नदी और सतलुज नदी में बढ़ रहे पानी के स्तर के कारण अमृतसर, फिरोजपुर, फाजिल्का, तरनतारन, पटियाला और मानसा जिलों में भी बाढ़ आने की संभावना बनी हुई है।
यहां उल्लेखनीय है कि कलगीधर ट्रस्ट बरू साहिब शैक्षिक क्षेत्र में तो काम करता ही है, लेकिन जब भी देश में किसी प्रकार की प्राकृतिक आपदा आई है तो ट्रस्ट के सेवाकारियों ने मदद के लिए आगे आकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है। ट्रस्ट की ओर से सभी की चढ़दी कला के लिए प्रार्थना की जाती है। परमिंदर पाल सिंह खालसा ने आगे बताया कि बाढ़ ठंडा होने के बाद सिख सेवक सोसाइटी इंटरनेशनल और गुरद्वारा नौवीं पातशाही द्वारा दोआबे के गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे ताकि लोगों को बीमारियों से बचाया जा सके। उन्होंने मांग की कि केंद्र और राज्य सरकारों को संयुक्त प्रयास करने चाहिए।