जालंधर, ENS: ईसाई समाज को 7 साल बाद जालंधर में नया बिशप मिल गया। पोप लियो XIV ने फादर जोस सेबेस्टियन थेक्कुमचेरिकुनेल को जालंधर का नया बिशप नियुक्त किया है। 7 साल से यह पद खाली था। जब यह पद खाली हुआ था, तब बिशप एग्नेलो रूफिनो ग्रेसियस को अस्थायी रूप से जालंधर का प्रभारी बनाया गया था। वे बॉम्बे से हैं और पंजाबी भाषा या स्थानीय संस्कृति से ज्यादा परिचित नहीं थे। उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि अब जालंधर से ही किसी स्थानीय प्रीस्ट को यह जिम्मेदारी दी गई है, जो यहां के लोगों और माहौल को अच्छे से जानता है। 63 वर्षीय फादर जोस वर्तमान में डायोसिस के वित्तीय प्रशासक के रूप में कार्य कर रहे हैं।
फादर जोस का जन्म 1962 में क्रिसमस की पूर्व संध्या पर पलाई धर्मप्रांत के अंतर्गत कलाकेट्टी में हुआ था। उन्हें 1 मई 1991 को जालंधर धर्मप्रांत के लिए काम करने के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने 1978 में त्रिचूर के माइनर सेमिनरी में अपना पुरोहिती प्रशिक्षण शुरू किया। उन्होंने 1982 से 1991 के बीच नागपुर के सेंट चार्ल्स इंटर-डायोसेसन सेमिनरी में दर्शनशास्त्र और धर्मशास्त्र का अध्ययन किया। बाद में उन्होंने 2002 से 2004 तक रोम में पोंटिफिकल अर्बन यूनिवर्सिटी से कैनन लॉ में लाइसेंस प्राप्त किया।
फादर जोस ने फतेहगढ़ चूड़ियां में सेंट मैरी चर्च में सहायक पैरिश पादरी के रूप में अपना काम शुरू किया, जबकि अमृतसर में माइनर सेमिनरी में भी पढ़ाते रहे। इसके बाद उन्होंने खासा में सेंट जोसेफ चर्च और अमृतसर के मजीठा रोड पर सेक्रेड हार्ट चर्च में पैरिश पादरी के रूप में सेवा की। बाद में उन्हें माइनर सेमिनरी का वाइस रेक्टर, सहायक निदेशक और बाद में सेंट फ्रांसिस स्कूल का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया। पहले बिशप फ्रेंको मुलक्कल पर 2018 में एक नन ने रेप का आरोप लगाया था, जिसके बाद वेटिकन ने उन्हें पद से हटा दिया था। वे बाद में कोर्ट से बरी हो गए, लेकिन चर्च ने उनसे इस्तीफा ले लिया। उनका इस्तीफा जून 2023 में स्वीकार किया गया।