अब चन्नी विदेश मंत्री और सासंद के समक्ष उठाएंगे रूस का मुद्दा
जालंधर, ENS: रशिया और यूक्रेन की जंग का दौर पिछले 3 से साल लगातार जारी है। वहीं लगभग एक साल से अधिक समय से रशिया गए भारतीयों की तलाश में पारिवारिक सदस्य उन्हें ढूंढने के लिए जल्द रशिया जाने वाले है। इसी के चलते आज 3 पारिवारिक सदस्यों ने आज पूर्व मुख्यमंत्री व जालंधर सांसद चरणजीत सिंह चन्नी के साथ मुलाकात की। इस दौरान चन्नी ने उन्हें आश्वासन दिया कि रशिया वाले मामले संसद में उठाएंगे और इन लोगों की सहायता करेंगे। पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि रशिया वाला मामला आज उनके ध्यान में आया है और आज पारिवारिक सदस्य उनसे मिले है। उन्होंने परिवारों की हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है। चन्नी ने कहा कि किसी एजेंट के जरिए रशिया में फंसे या लापता हुए लोगों की लिस्ट पारिवारिक सदस्यों से ले ली है।
रूस की फौज ने भारतीयों को अपनी आर्मी भर्ती कर लिया और उन्हें जंग के मैदान में ले गए। वहीं पर यूक्रेन से चल रही जंग में इनको मिसयूस किया गया। उन्होंने कहा कि ट्रैवल एजेंट ने धोखेबाजी से लोगों को इटली भेजने की जगह रशिया आर्मी में भर्ती करवा दिया। चन्नी ने कहा कि आज पीड़ित परिवारों से मुलाकात करके दस्तावेज ले लिए है और वह कल सदन में जाकर इस बात को स्पीकर के समक्ष रखेंगे। अगर मौका मिला तो वह इस मामले को सदन में उठाएंगे और संबंधित विदेश मंत्री से मुलाकात करके मसले को हल करने के लिए बात रखेंगे। वहीं कस्बा गोराया के रहने वाले जगदीप कुमार ने कहा कि वह भाई को ढूंढने के लिए जल्द रशिया जाने वाले हैं और उनका भाई मनदीप कुमार लगभग पिछले एक वर्ष से ज्यादा समय से रशिया आर्मी में भर्ती हुआ था और जिसका अब एक वर्ष से कुछ अता पता नहीं है और वह अपने भाई की तलाश में वह जल्द ही रशिया जा रहे है।
आज सासंद चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात करके उन्हें रशिया में फंसे परिवारिक सदस्यों की लिस्ट दे दी है। सासंद चन्नी ने सदन में मुद्दे को उठाने का आश्वासन दिया है और दिल्ली में विदेश मंत्री से बातचीत करने का आश्वासन दिया। जगदीप ने कहा कि सासंद चन्नी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह खुद रशिया जाएंगे। दूसरी ओर यूपी आजमगढ़ के अजीमुद्दीन ओर अजय यादव ने कहा कि सांसद चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात की और उन्हें मदद करने के लिए सदन में मुद्दे को उठाने की बातचीत की गई। अजीमुद्दीन ने कहा कि वह घर में अकेले ही कमाने वाले हैं और दुबई में अपनी जॉब छोड़कर भारत आए हैं और अब वह अपने भाई की तलाश के लिए रशिया जाने वाले हैं। हमने तो सरकार और सरकार के नुमाइंदों से मदद की गुहार लगाई है कि जैसे तैसे भी हो हमारी मदद की जाए।