अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव अरोड़ा का आया बयान
जालंधर, ENS: पिम्स अस्पताल में बच्चे की मौत को लेकर परिजनों द्वारा हंगामा किया गया। परिजनों का कहना है कि बच्चे का सिविल अस्पताल में जन्म हुआ है। बेटे तरुण को जन्में कुछ दिन हुए है और उसे शुगर की बीमारी के चलते प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा पिम्स अस्पताल में रैफर किया गया था। तरुण पिछले 15 दिनों से पिम्स अस्पताल में भर्ती है। लेकिन कल अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण बच्चे को डॉक्टरों द्वारा वेंटिलेटर पर रख दिया गया।
बच्चे पिता विशाल और माता अलपना का कहना है कि बेटे की शुगर कम हो गई थी। जिसके चलते 15 दिनों से उसका पिम्स अस्पताल में उपचार चल रहा है। आरोप हैकि अस्पताल से बच्चों के मुख्य डॉक्टर 29 अप्रैल को छुट्टी पर चल गया। इस दौरान बीते दिन उनकी ना तो अस्पताल के स्टाफ द्वारा बात सुनी जा रही थी और ना ही कोई डॉक्टर राउंड पर आ रहा था। बीते दिन बच्चे के मुंह से खून आने लग गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि बच्चे की मौत के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा गया।
जब परिजनों ने पूछा गया कि उन्हें किसने बच्चे की मौत के बारे में कहा था। इस मामले को लेकर पिता का कहना हैकि उन्हें अस्पताल के स्टाफ ने ही बच्चे की मौत की जानकारी दी थी। आरोप है कि आज दोपहर 12 बजे बच्चे की मौत का डॉक्टरों द्वारा कह दिया गया था, लेकिन 1 बजे बच्चे को दोबारा वेटिंलेटर पर रख दिया गया। पिता ने आरोप लगाए कि अब सिक्योरिटी गार्ड कह रहा हैकि वह इस मामले को लेकर शिकायत ना करें। पीड़ित ने घटना की सूचना पुलिस को 112 पर दे दी है।
दूसरी ओर अस्पताल के डायरेक्टर डॉक्टर राजीव अरोड़ा का कहना है कि तरुण प्री मिच्योर बच्चा है। ऐसे में बच्चे को बचाने के लिए डॉक्टरों द्वारा पूरी कोशिश की गई है। बच्चे को आयुष्मान भारत स्कीम के तहत भर्ती किया गया था। उन्होेंने कहाकि प्री-मिच्योर के दौरान बच्चे बीमारी के कई कारण हो सकते है। ऐसे में डॉक्टरों द्वारा शुगर कम होने के बारे में कुछ नहीं कहा गया। उन्होंने कहाकि रिपोर्ट की जांच के बाद ही बीमारी के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे थाना 7 से आए जांच अधिकारी ने कहा कि शुगर कम होने के कारण बच्चे की मौत की सूचना मिली थी। जिसके बाद वह अब पिम्स अस्पताल पहुंचे, तो परिवार से मामले की जानकारी ली गई। इस दौरान अब परिवार द्वारा अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करवाने से मना कर दिया है। पुलिस का कहना है कि अगर परिवार कोई बयान देता है तो उसके बयानों के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।