जालंधर, ENS: Jalandhar Civil Hospital में डॉक्टर की हड़ताल का मरीजों पर असर देखने को मिल रहा है। दरअसल, इमरजेंसी वार्ड के दरवाजे की बगल में पोस्टर लगा है- ओपीडी बंद है। इसके ठीक ऊपर दूसरा पोस्टर है, जिस पर डॉक्टरों की मांगों और हड़ताल की जानकारी दी गई है। दूसरी तरफ पोस्टर पढ़ने वाले मरीज अलग से परेशान हैं। कइयों को इमरजेंसी वार्ड में इलाज मिल रहा है, लेकिन गंभीर मरीज वापस जा रहे हैं। कोलकाता में पहले महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना पर तमाम डॉक्टरों ने आंदोलन किया, उसके बाद 9 सितंबर से 15 सितंबर तक पंजाब सरकार से संबंधित लंबित मांगों को लेकर डॉक्टरों हड़ताल पर हैं।
शुक्रवार को अस्पताल में इलाज कराने वाले घटे, लेकिन जो पहुंचे, उन्हें खूब परेशानी हुई। दोपहर 12 बजे सिविल अस्पताल की ओपीडी बंद तो डॉक्टर धरने पर रहे। इस दौरान जो मरीज इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए आ रहे थे, इनमें एक मरीज के साथ एक अटेंडेंट को ही इमरजेंसी में प्रवेश की स्वीकृति मिली। गंभीर रूप से दो मरीज एंट्री ले रहे थे, उन्हें बेड पर शिफ्टिंग की तैयारी चल रही थी।
सुबह से बड़ी गिनती में लोग दवा लेकर अपने- अपने घर लौट चुके थे। दूसरी तरफ दादा कॉलोनी से रामविलास पहुंचे। उनकी पत्नी गर्भवती है। वे जांच कराने लाए थे, लेकिन प्राइवेट अस्पताल में चले गए। इसी दौरान ऑटो रिक्शा पर बीमार महिला को परिवार लेकर आया, उसे इमरजेंसी में इलाज मिला। हड़ताल की अधिकतर लोगों को जानकारी मिल गई है। इस लिए मरीजों की संख्या 1000 की तुलना में करीब 300 रह गई।
डॉक्टरों के संगठन पीसीएमएसए के प्रधान अखिल सरीन ने कहा कि 14 सितंबर को भी ओपीडी सेवा बंद रहेगी। शुक्रवार को संगठन ने अतिरिक्त डॉक्टरों को इमरजेंसी वार्ड में तैनात किया है। आधे पद खाली हैं, तैनात डॉक्टर दोगुना काम कर रहे हैं।