जालंधर, ENS: सतलुज दरिया के किनारे के इलाकों में बाढ़ से निपटने के लिए डिप्टी कमिश्नर हिमांशु अग्रवाल का बयान सामने आया है। डीसी ने कहा कि पहाड़ों क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है। बारिश के कारण वहां पर लैंडस्लाइड के पहाड़ी इलाकों में काफी नुकसान की घटनाएं सामने रही है। वहीं मौसम विभाग द्वारा भी बारिश को लेकर लगातार चेतावनी जारी की जा रही है।
ऐसे में बाढ़ की स्थिति से निपटने को लेकर पिछले 2 से 3 महीनों से समीक्षा करके मीटिंग की गई। सतलुज नदी के साथ लगने वाले बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिन्न टीमों द्वारा समीक्षा कर ली गई है। वहीं बाढ़ से निपटने के लिए नाव सहित अन्य सामान को लेकर रिव्यू कर लिया गया है। हॉट सपॉट एरिया (बांध) के टूटने की घटनाओं को लेकर पहले से रेत की बोरियां रखवा दी गई है, ताकि इस समस्या से निपटने के लिए प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई की जा सके। एसटीआरएफ, एनडीआरएफ, आर्मी और सेहत विभाग की टीम के साथ तालमेल बनाया हुआ है।
कुछ दिन पहले ही बाढ़ से निपटने के लिए इन क्षेत्रों में टीमों द्वारा मॉक ड्रिल भी की गई थी, जिसमें बाढ़ की स्थिति से निपटने को लेकर रिहसल की गई। डीसी ने कहा कि लगातार बाढ़ से निपटने को लेकर लगातार गिद्दी गांव सहित अन्य गांवों का जायजा लिया जाएगा। इस दौरान पानी के लैवल की प्रत्येक घंटे के बाद जांच की जा रही है। अभी तक बाढ़ को लेकर कोई सूचना प्रशासन के पास नहीं आई है। बाढ़ से निपटने के लिए पुख्ता प्रंबंध प्रशासन द्वारा किए गए है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति को पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
अगर किसी गांव में नालो में साफ सफाई को लेकर कोई परेशानी आ रही है तो वह सरंपच सहित एसडीओ व अन्य अधिकारियों को सूचना दें ताकि समय से पहले इन्हें भी साफ करवाया जाए। डीसी ने कहा कि इसके लिए जल्द हैल्पलाइन नंबर भी जारी किया जा रहा है। दरिया के किनारे के पास बने घरों को लेकर डीसी ने कहाकि वहां पर अक्सर पानी का खतरा रहता है और दरिया के पास लोगों द्वारा बनाए गए घरों को हटा लिया गया है। इस दौरान अन्य लोगों को खाली करने के आदेश दे दिए गए है।