जालंधर: आधुनिक युग में साइबर क्राईम के मामलों में तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। आए दिन साइबर ठग किसी न किसी को अपने जाल में फंसाकर ठगी का शिकार बना लेते हैं। ताज़ा मामला जालंधर के ग्रीन एबेन्यू से सामने आया है। जहां पर बिना ओटीपी आए ही साइबर ठगों ने 65 वर्षीय बज़ुर्ग के खाते से 42 हजार उड़ा दिए। पैसे निकलने के बाद मैसेज आने पर पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का पता चला। इस मामले के बारे में पीडित ने पुलिस को शिकायत भी की, लेकिन पुलिस केस दर्ज करने से पहले दो महीने से अधिक समय तक उनसे थाने के चक्कर लगवाती रही।
पीड़ित ने बताया कि वह प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं। उसने बताया की जुलाई महीने में अचानक उनके मोबाइल पर पहले नौ हजार रुपये कटने का मैसेज आया। उन्होंने सोचा कि किश्त कटी होगी इसके कुछ समय बाद फिर दो बार पैसे कटने के मैसेज आए। उन्होंने बैंक में जाकर बात की तो पता चला कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है। बैंक वालों ने उन्हें बताया कि उनके पैसे बिहार के एक ग्रामीण बैंक के खाते में ट्रांसफर हुए हैं। बुजुर्ग ने कहा कि इसकी शिकायत दर्ज करवाने के लिए वह रोज़ाना थाने में जाते रहे, लेकिन पुलिस उन्हें जांच चल रही है कहकर वापस भेज देती थी। ठगों का कुछ पता नहीं चला तो पुलिस ने खानापूर्ति के लिए केस दर्ज कर लिया।
एसे करते हैं बिना ओटीपी ठगी
मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करे समय आपको कई लिंक आते हैं, जिस पर क्लिक करते ही वह लिंक किसी न किसी एप में जाकर खुलता है। एनी डेस्क जैसे कुछ एप की मदद से साइबर ठग दूसरी जगह मोबाइल की स्क्रीन देख सकते हैं। आपका मोबाइल हैक हो जाता है। इसी का फायदा उठा साइबर ठग ओटीपी जान लेते हैं ओर आपके खाते से पैसों को निकल लेते हैं।