जालंधर, ENS: सूफी गायक हंस राज हंस की पत्नी रेशम कौर का लंबी बीमारी के बाद बुधवार 2 अप्रैल को टैगोर अस्पताल में निधन हो गया। 3 अप्रैल को रेशम कौर का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव सफीपुर गांव के श्मशानघाट में हुआ। वहीं आज रेशम कौर का भोग व अंतिम अरदास मॉडल टाउन के गुरुद्वारा साहिब सिंह सभा में रखी गई। गायक हंस राज हंस की पत्नी की अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान पत्नी डॉक्टर गुरप्रीत कौर के साथ गुरुद्वारा साहिब पहुंचे। वहीं मीडिया से बात करते हुए सीएम मान ने कहाकि आज वह हंस परिवार के साथ दुख सांझा करने के लिए आज यहां पहुंचे।
उन्होंने कहा कि पंजाबी कला जगत के बड़े सितारे जिन्हें सुन सुनकर हमारे अंदर की छोटिया चिंगाड़ियां बड़ी हुई और हमारे अंदर भी कुछ करने का आस जागी। जिनके अखाड़े देखने के लिए हमने घंटों इंतजार भी किया। आज उन्ही गायक हंस राज हंस के घर पर ना पूरा होने वाली घटना हुई है। सीएम मान ने कहा कि राजनीति में हम दोनों इकट्ठे रहे है, हालांकि विचारधारा हम दोनों की अलग हो सकती है, लेकिन सासंद में हम दोनों ने इकट्ठे काम किया है और स्टेजों पर भी इकट्ठे काम किया है। वह भगवान के आगे अरदास करते है कि गायक हंस राज हंस की पत्नी रेशम कौर को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार से इस दुख को सहने की शक्ति दें।
वहीं पूर्व सासंद सुशील रिंकू और दादूवाल सिंह पहुंचे। मीडिया से बात करते हुए दादूवाल सिंह ने कहा कि हंस राज हंस के जीवनसाथी का विछोड़ा साथ छोड़कर चला गया। यह ना पूरा होने वाला परिवार के लिए यह घाटा है। परमात्मा परिवार को इस दुख से उभरने की शक्ति प्रदान करें और विछड़ी आत्मा को चरणों में स्थान दें। वहीं अंतिम अरदास में खुरलापुर नकोदर के नौजवान द्वारा रेशम कौर की पेटिंग बनाई गई। मामले की जानकारी देते हुए शरणजीत सिंह ने कहाकि उसने रेशम कौर को श्रद्धाजंलि देने के लिए पेटिंग बनाई है। शरणजीत सिंह 10 वीं कक्षा का छात्र है और आधे घंटे में उसने रेशम कौर की पेटिंग बनाई।
शरणजीत सिंह ने कहा कि वह पेटिंग के जरिए रेशम कौर को श्रद्धाजंलि देने आया है। गायक मंगी माहल और बिनू ढिल्लो ने कहा कि पिछले दिनों गायक हंस राज हंस को गहरा सदमा लगा है। उन्होंने कहा कि दुख की घड़ी में सभी कलाकार आज हंस राज हंस के परिवार से साथ कंधे से कंधा मिलाने के लिए पहुंचे है। आज जहां कई कलाकार अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए गुरुद्वारा साहिब में पहुंचे वहीं राजनीतिक लोग भी दुख की घड़ी में परिवार के साथ अंतिम अरदास में शामिल होने के लिए पहुंचे है।