जालंधर: सिविल अस्पताल में सुरक्षा और मरीज सुविधा को ध्यान में रखते फायर फाइटिंग सिस्टम के अपग्रेडेशन का काम तेजी से शुरू हो चुका है। लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से किए जा रहे इस काम के पूरा होते ही अस्पताल में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) प्लांट भी शुरू हो जाएगा। अस्पताल को इसके लिए चंडीगढ़ से मंजूरी मिल चुकी है। कोविड-19 के दौरान अस्पताल को गंभीर ऑक्सीजन संकट का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद से ऑक्सीजन सप्लाई को मजबूत करना प्राथमिकता रहा है। नए LMO प्लांट से ऑक्सीजन सीधे पाइपलाइन के जरिए मैनिफोल्ड तक पहुंचेगी, जिससे सिलेंडरों पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, लिक्विड ऑक्सीजन सिस्टम में लगे फ्लो मीटर और डिवाइस डॉक्टरों व नर्सिंग स्टाफ को यह मॉनिटर करने में मदद करेंगे कि मरीज को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन मिल रही है या नहीं। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे बार-बार सिलेंडरों की तरह रिफिल करने की आवश्यकता नहीं होती।
इसके अलावा, कुछ पोर्टेबल लिक्विड ऑक्सीजन सिस्टम भी अस्पताल उपयोग में लाएगा, जिन्हें आसानी से आईसीयू और अन्य संवेदनशील वार्डों में ले जाया जा सकेगा। यह सिस्टम न सिर्फ अधिक कुशल है बल्कि इसमें मिलने वाली ऑक्सीजन की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह अपग्रेडेशन अस्पताल की आपात प्रतिक्रिया क्षमता और मरीज देखभाल दोनों में बड़ा सुधार साबित होगा।