Loading...
- Advertisement -
HomeBreaking NewsJalandhar News: वगार, सिफारिश और उगाही के बूते ही चल रही विज्ञापन...

Jalandhar News: वगार, सिफारिश और उगाही के बूते ही चल रही विज्ञापन शाखा

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

3 महीनों से हाथ पर हाथ रख कर बैठे जिम्मेदार, आय 2 प्रतिशत

जालंधर (अनिल वर्मा): मेयर विनीत धीर ने अपना पद संभालने के बाद निगम का 531 करोड़ रुपये का सालाना बजट पेश किया था। जिसमें शहर की डवैल्पमैंट और निगम के तमाम विभागों की आय का लेखा झोखा था। इनमें से निगम की विज्ञापन शाखा का सालाना आय 25 करोड़ का लक्ष्य रखा गया था। मगर इस आय को लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए अधिकारियों को न तो फील्ड में उतारा गया और न ही उनके काम करने के तौर तरीके बदले गए।

जिसके चलते पिछले दो महीनों से विज्ञापन शाखा की आय 2 लाख 23 हजार तक सीमिट चुकी है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के तीन महीने बीत चुके हैं और इन तीन महीनों में विज्ञापन शाखा की आय 6 करोड़ होनी चाहिए थी। मगर यह 50 लाख भी नहीं जुटा पाई अगर इसी तरह नालायकी और लापरवाही से काम चलता रहा तो विज्ञापन शाखा की सालाना आय 2 करोड़ रुपये तक सिमट जाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण है कि शहर में सैंकड़ो प्राईवेट प्रमोटर अवैध विज्ञापन का कारोबार कर रहे हैं जिनमें ट्रैवल एजैंट, ज्यूलर्स, आटो डीलर्स, मोबाईल विक्रेता हर महीने करोड़ों रुपयों का विज्ञापन टैक्स चोरी कर अपना धंधा चमका रहे हैं। मगर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी किसी के भी खिलाफ कानूनी शिकंजा कसने के लिए तैयार नहीं है।

सिफारिश के चलते बिना जुर्माना लगाए ही छोड़ दिया गया प्रतिबंध वाहन

बीते जून महीने में निगम को शिकायत मिली थी कि शहर में टायर कंपनी की प्रमोशन करने के लिए टाटा 407 पर बड़ी बड़ी फ्लैक्स लगवा कर मुफ्त में ब्रांडिंग की जा रही है। जिसके बाद उसे ट्रेस करके निगम दफ्तर लाया गया गाड़ी यूपी की थी और सहारनपुर का कांट्रैक्टर इस काम का प्रमोटर था। निगम की ओर से ऐसे वाहनों पर सख्ती से पाबंदी लगाई गई है और पकड़े जाने पर 50 हजार रुपये जुर्माने के साथ मौके पर सभी विज्ञापन हटाने का प्रावधान है। मगर इस वाहन को कथित सिफारिश के चलते बिना जुर्माना लगाए ही छोड़ दिया गया।

तीसरी बार फिर लगाया 18 करोड़ का टैंडर, ठेकेदारों को नहीं कोई दिलचस्पी

नगर निगम को जालन्धर में यूनिपोल का ठेका लेने के लिए कोई ठेकेदार नहीं मिल रहा जिसके चलते दूसरी बार लगाया 18 करोड़ का टैंडर भी सिरे नहीं चढ़ा और इससे पहले ठेके को जोन वाईस बांट कर 10 बार टैंडर लगाया जा चुका है। मगर वह भी सिरे नहीं चढ़ा था इसके पीछे शहर में बड़ी कंपनियों की मुफ्त में हो रही ब्रांडिंग है जिससे ठेकेदार करोड़ों रुपये दांव पर लगाने से दौड़ रहे हैं। अगर विज्ञापन शाखा में फील्ड में काम करने वाले नए मुलाजिमों की भर्ती होती है और अवैध विज्ञापनों को शहर से हटाया जाता है तो इस बार 18 करोड़ का टैंडर सिरे चढ़ने की उम्मीद बन सकती है।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page