जालंधर, अनिल/वरुण : नगर निगम चुनावों को लेकर बनाए गए पचासी बाल की नगर निगम ने दफ्तर में डिस्प्ले जारी कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार 2 महीनों के भीतर नगर निगम के चुनाव किए जाने की आशा है नगर निगम दफ्तर की 4th फ्लोर पर जारी की गई डिस्प्ले 7 दिन तक लगाई जाएगी। इसके साथ ही ऑब्जेक्शन मांगने की प्रक्रिया शुरू हो गई है और आम लोग अब नई वार्डबंदी पर एतराज व्यक्त कर सकते हैं । लोगों के विचार विमर्श के बाद वार्ड बंदी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। गौरतलब है कि वार्डबंदी के जिस कच्चे ड्राफ्ट को मई में डी-लिमिटेशन बोर्ड के सामने रखा गया था।
उसी के अनुसार नक्शे डिस्प्ले होंगे। आम आदमी पार्टी में पहले वार्डबंदी के दौरान विधानसभा हलका पश्चिम के विधायक शीतल अंगुराल और सेंट्रल के विधायक रमन अरोड़ा ने वार्डों में टिकटें देनी थीं, अब सुशील रिंकू को लोकसभा उप चुनाव जिताने के लिए जिन कांग्रेसी नेताओं को आप जॉइन करवाई गई थी, उनमें से जो लोग टिकट के लिए सक्रिय हैं, उनके अनुसार कच्चे ड्राफ्ट में बदलाव के बाद फाइनल नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। इसके लिए नेताओं से मौजूदा वार्ड के नक्शे को लेकर एतराज और सुझाव लिए जाएंगे। फिर इनके आधार पर बदलाव संभव है। कई जनरल नेताओं ने आप जॉइन कर ली थी, लेकिन वर्तमान में उनके वार्ड आरक्षित श्रेणी में आते हैं, इन नेताओं को जगह बनाकर देने के लिए वार्ड में बदलाव की राजनीतिक लॉबी में संभावना जाहिर की जा रही है।
दिलचस्प मुकाबला दूसरे राजनीतिक दल छोड़कर आप जाॅइन करने वाले नेताओं तथा आप के टकसाली वर्करों के बीच है। जैसे- सूर्या एनक्लेव में आप से जुड़े वे नेता सक्रिय हैं, जो पिछले 10 साल से पार्टी से जुड़े हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस छोड़कर आए पिछले 4 बार के काउंसलर हैं। इसी तरह गुरु तेग बहादुर नगर एरिया में कांग्रेस छोड़कर आप जाॅइन करने वाली महिला नेत्री तथा आप के नेता के बीच टिकट का मुकाबला है। अब समीकरण यह है कि जहां पुराने आप वर्कर जालंधर छावनी से चलने वाले पावर सेंटर से जुड़े हैं तो नए नेता नए विधायक और सांसद के करीबी हैं।
बता दें कि नगर निगम चुनाव से पहले नई वार्डबंदी की जरूरत जालंधर छावनी विधानसभा क्षेत्र के 11 गांव निगम हद में आने के कारण पड़ी है। छावनी क्षेत्र को कांग्रेस को गढ़ माना जाता है और विधानसभा चुनाव 2022 में भी यही साबित हुआ है। इन इलाकों में कांग्रेस और अकाली दल में टक्कर होती है, लेकिन इस चुनाव में 11 गांवों में कांग्रेस को आप से टक्कर मिली है।भाजपा के बिना अकाली दल तीसरे नंबर पर खिसक गया। अकाली दल का बड़ा वोट बैंक आप की तरफ चला गया। कांग्रेस को 11 गांवों में से छह में बढ़त मिली थी और यह सभी गांव बड़े भी हैं।
कांग्रेस को 11 गांवों में से 7,401 वोट मिले थे, जबकि दूसरे चार गांवों में बढ़त हासिल करने वाली आप को 5,195 वोट मिले थे। खराब प्रदर्शन के बावजूद अकाली दल 4,858 वोट ले ले गया। अकाली दल को एक गांव में लीड भी मिली है। भाजपा को इन 11 गांवों में 1,567 वोट मिले थे। इन आंकड़ों से काफी हद तक यही नजर आ रहा है कि नगर निगम चुनाव में भी कांग्रेस और आप में ही मुकाबला रहने की संभावना है। अकाली दल और भाजपा के लिए इन इलाकों में अकेले दम पर दमदार प्रदर्शन काफी मुश्किल हो सकता है। हालांकि वार्डबंदी के दौरान नेताओं की कोशिश यही रहेगी कि कांग्रेस के लीड वाले गांवों को इस तरह से बांटा जाए कि कांग्रेस बहुल इलाके एक साथ न आ पाएं।