जालंधर, ENS: लोकसभा सदस्य सुशील कुमार रिंकू सोमवार को सांसद परिसर के बाहर मणिपुर हिंसा के विरोध में विपक्षी दलों के सांसदों के धरने में शामिल हुए और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की मांग रखी। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग शिकार हो चुके हैं लेकिन पूरे मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने चुप्पी साध रखी है। सांसद ने आगे कहा कि पहली बार हुआ है कि देश के इतने बड़े मुद्दे पर प्रधानमंत्री से जवाब मांगने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है और उन पर संसद की कार्यवाही को रोकने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
सांसद सुशील रिंकू ने कहा कि प्रधानमंत्री को संसद में आकर इस मुद्दे पर खुलकर जवाब देना चाहिए, साथ ही यह बताया कि मणिपुर हिंसा के दोषियों के खिलाफ सरकार की तरफ से से क्या कार्रवाई की गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री की तरफ से संसद में जवाब देने की मांग करने वाले आम आदमी पार्टी के राज्यसभा मेंबर संजय सिंह को मानसून सत्र से निष्कासित करने की कार्रवाई की भी निंदा की, साथ ही कहा कि संसद में जवाब की मांग रखने वाले सांसदों पर कार्रवाई की बजाय केंद्र सरकार को सभी सांसदों के समक्ष इस मुद्दे पर जानकारी संसद में रखनी चाहिए।
लोकसभा मेंबर सुशील रिंकू ने आगे कहा कि इससे पहले भी कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जब लाल बहादुर शास्त्री, मनमोहन सिंह समेत कई तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने अपने पद की गरिमा बहाल रखते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी थी लेकिन मौजूदा प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर जवाब देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह बड़ी शर्म की बात है कि इतने बड़े मुद्दे पर सरकार बोलने को तैयार नहीं।