जालंधर/वरुणः इंप्रूवमेंट ट्रस्ट अपनी सेवाओं में देरी की समस्या के चलते लगातार उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचा रहा है। कई साल पहले उपभोक्ताओं से वसूला गया पैसा अब ब्याज सहित लौटाया जा रहा है। इससे ट्रस्ट को लगातार आर्थिक नुकसान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि सरकारें बदल रही हैं, अधिकारी बदल रहे हैं, लेकिन ट्रस्ट की कार्यप्रणाली नहीं बदल रही है। ताजा मामला सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन कॉलोनी से सामने आया है। जहां पटियाला निवासी नीरज जिंदल ने 356 गज के प्लॉट के लिए 72,18,240 रुपये चुकाए थे। यह राशि 23 दिसंबर 2011 को दी गई, लेकिन जून 2014 तक प्लॉट नहीं मिला। 9 अक्टूबर 2015 को ट्रस्ट ने संपर्क किया और पैसे वापस मांगे। 24 फरवरी 2016 को उन्होंने उपभोक्ता आयोग में मामला दायर किया। जो राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद आयोग के पास पहुंचा। जिसके बाद अब फैसला उपभोक्ताओं के हक में आया है। जिसमें ट्रस्ट को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि वापस करने का आदेश दिया गया है। यह राशि करीब 1.50 करोड़ रुपये होगी।
गौरतलब है कि उक्त निर्णय एक मिसाल है, जिसकी मिसाल पर चलकर अन्य उपभोक्ता भी अपने मामलों में न्याय की मांग कर सकेंगे। वजह यह है कि नीरज जिंदल के प्लॉट में कानूनी पेचीदगी थीं, जिसके चलते ट्रस्ट उन्हें प्लॉट का कब्जा नहीं दे सका। यह प्लॉट कॉलोनी के नक्शे में ही नजर आ रहा था। कॉलोनी का कोर्ट में केस था, जिस पर स्टे चल रहा था। इसके चलते ट्रस्ट समूचे ब्लॉक के प्लाटों पर कब्जा नहीं दे सका। कई उपभोक्ता लंबे समय तक सब्र करते रहे, लेकिन कुछ ने अपने-अपने तर्कों से कानूनी लड़ाई शुरू कर दी। दूसरी ओर, सूर्या एन्क्लेव एक्सटेंशन में अधोसंरचना विकास भी वर्तमान में अधूरा है। इससे यहां लंबे समय से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।