जालंधर/वरुणः जिलें में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलग-अलग जगहों से पानी के 16 सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में उनके नमून भेजे थे। जिसकी रिपोर्ट आने पर हैरानजनक खुलासे हुए है। दरअसल, लैब में जांच के लिए भेजे गए 16 पानी के नमूनों में से 11 के सैंपल फेल पाए गए है। गौर हो कि जांच में भेजे गए नमूनों में घरों के सार्वजनिक स्थलों और स्कूलों में लगी पानी की टंकियों के नमूने शामिल हैं।
खरड़ स्थित स्टेट हेल्थ लैब ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जिन 11 सैंपलों की रिपोर्ट ठीक नहीं आई है उनमें बैक्टीरिया कंटैमिनेशन पाई गई। सीधे-सीधे शब्दों में कहा जाए तो पीने वाले पानी में सीवरेज का पानी मिक्स पाया गया है। पानी में सीवरेज बैक्टीरिया पाया गया है। शहर में विभाग ने गांधी वनीता आश्रम सैंपल भी भेजा था, जिसका नमूना ही फेल पाया गया है। गांधी वनीता आश्रम में भी प्रदूषित जल का सप्लाई हो रही है। इसके अलावा कालिया कालोनी के ईलीट टावर में भी जल सप्लाई को दूषित पाया गया है।
इसके अलावा तेज मोहन नगर, उप-मंडल करतारपुर के सरकारी प्राइमरी स्कूल गोना चक, गाखल, सरकारी प्राइमरी स्कूल बिलगा तलवन, सीनियर सेकेंडरी स्कूल लड़के एवं लड़कियां तलवन के भी पानी के टेस्टिंग के लिए भेजे गए नमूने फेल पाए गए हैं। जबकि सरकारी प्राइमरी स्कूल पल्लोवाल (करतारपुर), सीनियर सेकेंडरी स्कूल सफीपुर, जबकि सरकारी प्राइमरी स्कूल पिंड गिल्लां, सरकारी हाई स्कूल (लड़कियां) तलवन, शिव किरन पब्लिक स्कूल तलवन से लिए गए पानी के नमूने सही पाए गए हैं।
लैब ने कहा कि जिस पानी के सैंपल फेल हुए हैं वह इतना दूषित है कि पीने लायक नहीं है। स्टेट हेल्थ लैब ने अपनी रिपोर्ट में हिदायतें दी हैं कि जिन स्थानों पर नमूने फेल पाए गए हैं वहां पर तुरंत प्रभाव से पीने वाले पानी में क्लोरीन डाली जाए। इसके बाद दोबारा फिर से पानी के सैंपल लेकर लैब में टेस्टिंग के लिए भेजे जाएं, ताकि पता चल सके कि अब दोबारा पानी बैक्टीरिया कंटैमिनेशन वाला तो नहीं है।
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