कपूरथलाः घर की गरीबी दूर करने के सपने लेकर अपनी सहेली के कहने पर ओमान गई जालंधर ज़िले की एक युवती के लिए विदेश जाना उसकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा दर्दनाक अनुभव बन गया। मस्कट (ओमान) से बड़ी मुश्किल से वापस लौटी इस पीड़िता ने कहा कि राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल की मदद से उसे दूसरा जन्म मिला है। पीड़िता ने बताया कि वह 15 जून को अमृतसर से मुंबई होते हुए मस्कट पहुंची थी। वहां पहुंचते ही उसे एहसास हो गया कि वह किसी जाल में फंस गई है। उसे एक दफ्तर जैसी जगह पर रखा गया, जहां 10 से अधिक अन्य भारतीय लड़कियां भी कैद जैसी हालत में थीं। हर रोज़ 12 घंटे तक बिना रुके काम कराया जाता और थोड़ी-सी गलती पर बेमानवीय तरीके से पिटाई की जाती थी। खाने के लिए ठीक-ठाक भोजन भी नहीं मिलता था। उसने बताया कि एक महीने तक सिर्फ पानी पीकर गुज़ारा करना पड़ा था। पाँच महीने नर्क जैसी जिंदगी बिताकर वापस आई पीड़िता ने ओमान में चल रही मानव तस्करी का भंडाफोड़ किया।
पीड़िता ने कहा 5 महीने की नरक जैसी ज़िंदगी बिताकर वापस लौटी पीड़िता ने ओमान में चल रहे मानव तस्करी के जाल का खुलासा किया। उसने बताया कि लड़कियों को पहले बड़े- बड़े सपने दिखाकर वहां बुलाया जाता है, लेकिन वीज़ा खत्म होने पर असलियत सामने आ जाती है। एजेंट उन्हें जबरदस्ती गलत काम करने के लिए मजबूर करते हैं या और लड़कियां लाने की शर्त रखते हैं या फिर लाखों रुपए की मांग करते हैं। इसी तरह वह भी अपनी सहेली के ज़रिए इस जाल में फंस गई थी। उसने कहा कि कुछ लड़कियों से गलत काम करवाने की कोशिश की जाती और इनकार करने पर उन्हें सख्त यातनाएं दी जाती थीं। कई बार तो पीट-पीटकर आधी मौत के हाल पर छोड़ दिया जाता था।
उसकी मां ने बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया, जिन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर इस मामले को वहां पहुंचाया। उनके प्रयासों और विदेश मंत्रालय के साथ-साथ ओमान में भारतीय दूतावास के सहयोग से वह सुरक्षित वापस आ सकी। राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों के कारण कुछ दिन पहले कंबोडिया से लौटे जालंधर के एक युवा ने खुलासा किया कि वहां भारतीयों से साइबर संबंधी गैरकानूनी काम कराए जा रहे हैं। एजेंटों द्वारा थाईलैंड में उच्च वेतन वाले काम का लालच देकर नौजवानों को कंबोडिया की कंपनियों में बेच दिया जाता है। वहाँ इनकार करने वालों के साथ भी सख्त मारपीट की जाती है। पीड़िता ने बताया कि उसका पासपोर्ट और मोबाइल वहां पहुंचते ही छीन लिया गया था।
उसकी मां ने जब यह बात संत बलबीर सिंह सीचेवाल तक पहुंचाई, तो उन्होंने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर पूरा मामला वहां तक पहुंचाया। उनके प्रयासों और विदेश मंत्रालय व ओमान स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से यह युवती आखिरकार सुरक्षित रूप से भारत वापस लौट सकी। वहीं इस मामले को लेकर संत सीचेवाल ने इस अवसर पर अपील की कि जो भी युवा अरब देशों या अन्य विदेशों में काम के लिए जा रहे हैं, वे पहले अपने वीज़ा की जांच ज़रूर करें कि वह वर्क वीज़ा है या टूरिस्ट वीज़ा। उन्होंने कहा कि ज़्यादातर ट्रैवल एजेंट टूरिस्ट वीज़ा पर लड़कियों को ले जाते हैं और वहां जाकर उनका शोषण किया जाता है। गौरतलब है कि इससे पहले भी संत सीचेवाल के प्रयासों से म्यांमार से 4 युवाओं की सुरक्षित वापसी करवाई जा चुकी है, जो इसी तरह के मानव तस्करी गिरोहों के जाल में फंसे हुए थे।