जालंधर, ENS: स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के मद्देनजर आज डिप्टी कमिश्नर डा. हिमांशु अग्रवाल ने जिले के अलग-अलग स्कूलों के प्रबंधकों/प्रिंसीपलो को ‘सेफ स्कूल वाहन’ नीति का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। इस दौरान डा.अग्रवाल ने कहा कि 10 मई तक हर हाल में स्कूल वाहनों को ‘सेफ स्कूल वाहन’ नीति के मापदंडो के अनुसार बनाया जाए। यहां जिला प्रशासकीय परिसर में जिले के विभिन्न स्कूलों के प्रबंधकों/प्रिंसीपलो के साथ बैठक दौरान डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा जिला प्रशासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की अनदेखी/लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ‘सेफ स्कूल वाहन’ नीति के मानदंडों के अनुसार स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगे हो, वाहनों में अग्निशामक यंत्र, अटेंडेंट और स्टाफ की वर्दी, प्रदूषण नियंत्रण मंजूरी, फायर स्टेशन और पुलिस आदि का संपर्क नंबर, स्कूल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगा हो, बसों में जाने वाली छात्राओं के लिए महिला अटेंडेंट होनी चाहिए, प्राथमिक उपचार में किट और बसों में ओवरलोडिंग नहीं करना शामिल है। डा. हिमांशु अग्रवाल ने सभी स्कूलों के प्रबंधको/प्रिंसीपलो को निर्देश दिए किया कि वे अपने-अपने स्कूलों में नीति नियमों की पालना सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि स्कूली वाहनों में यदि कोई कमी है तो उसे 10 मई तक दूर कर लिया जाए।
डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि तय समय सीमा में नियमों की पालना सुनिश्चित नहीं करने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। डा.अग्रवाल ने कहा कि जिला प्रशासन सेफ स्कूल वाहन नीति के बारे में लगातार जागरूकता फैला रहा है और आने वाले दिनों में स्कूलों में जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जाएंगी, जिसमें विषय विशेषज्ञ नीति के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इस दौरान रिजीनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी सचिव अमित महाजन, आर.टी.ए. अमनप्रीत सिंह भी मौजूद रहे।
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