जालंधर, ENS: जिला मैजिस्ट्रेट विशेष सारंगल ने फ़ौजदारीसंहिता की धारा 144 के तहत अधिकारो का प्रयोग करते हुए जिले के अधिकार क्षेत्र में धान की पराली जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि धान की पराली जलाने से कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो मानव स्वास्थ्य को नुक्सान पहुंचाने के साथ-साथ पर्यावरण को भी प्रदूषित करती हैं।
उन्होंने कहा कि धान की पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरक शक्ति नष्ट हो जाती है और मिट्टी में मौजूद कई पोषक तत्व नष्ट हो जाते है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से धुएं की मोटी परत के कारण यातायात भी बाधित होता है और सड़क दुर्घटनाओं का खतरा रहता है। जिला मैजिस्ट्रेट ने बताया कि यह आदेश 30 नवंबर 2023 तक लागू रहेगा।
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