जालंधर/वरुणः भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस ब्यूरो लगातार कार्रवाई कर रही है। वहीं अब विजिलेंस ने ज्वाइंट डायरेक्टर, जीएसटी, आबकारी विभाग के बलबीर कुमार विरदी पर आय से अधिक सम्पत्ति बनाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। विजिलेंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने इस संबंधी अधिक जानकारी देते हुए बताया कि उक्त अधिकारी को आय से अधिक सम्पत्ति होने आरोप में मामला दर्ज कर लिया है और जल्द गिरफ्तार भी कर लिया जायेगा। अधिकारी ने 1 अप्रैल 2007 से 11 सितंबर 2020 तक जांच के समय दौरान 5,12,51,688.37 रुपए खर्च किए जबकि उसकी आमदन 2,08,84,863.37 रुपए है।
गहराई से जांच करने के बाद उक्त अधिकारी पर कार्रवाई की गई। अधिकारी बलबीर कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। इस संबंधी विजिलेंस ने थाना जालंधर रेंज में मामला दर्ज किया है। जांच दौरान यह सामने आया है कि बलबीर कुमार और आबकारी विभाग के अन्य अधिकारियों ने कुछ ट्रांसपोर्टरों और उद्योगपतियों की मिलीभुगत से जीएसटी में घपला किया था। इस मामले में अगली जांच जारी है। बता दें कि काफी समय पहले भी विजिलेंस की टीम ने विरदी के घर दबिश दी थी। उस दौरान पाॅश इलाके श्री गुरु गोबिंद सिंह नगर में उनकी कोठी पर सुबह 9 बजे विजिलेंस टीम ने दबिश दी थी। उस समय 3 घंटे जद्दोजहद के बावजूद विरदी नहीं मिले थे और टीम कोठी के अंदर नहीं जा सकी थी।
उस दौरान विरदी पर टैक्स चोरी के आरोप लगे थे। बीके विरदी जालंधर में मोबाइल विंग के अलावा लुधियाना, पटियाला में भी काम कर चुके हैं। उस समय टीम चंडीगढ़ से आई थी और जालंधर में अफसरों को भनक तक नहीं लगी थी। दरअसल, पंजाब पुलिस का विजिलेंस विंग सितंबर 2020 से जीएसटी चोरी के केस की जांच कर रहा था। टीम ने 20 से ज्यादा लोगों पर केस दर्ज किया था। इनमें मोबाइल विंग के डीईटीसी बीके विरदी भी शामिल थे। उस समय विरदी पर आरोप थे कि कुछ ट्रांसपोर्टरों से टैक्स अधिकारियों की मिलीभगत है। उस समय जीएसटी घोटाले के बाद 7 अधिकारी केस दर्ज होने के बाद नौकरी से सस्पेंड हो गए थे। इन्हें पटियाला स्थित हेड ऑफिस में रिपोर्ट करनी थी। सभी पटियाला गए। तब इनको अरेस्ट करना बनता था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
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