कांग्रेस चौधरी परिवार से छीन सकती है टिकट!
जालंधर/अनिल वर्माः जालन्धर लोकसभा उपचुनाव में इस बार कई नए चेहरे मैदान में उतर कर अपना राजनीतिक कैरियर अजमा सकते हैं जिसमें केन्द्रिय मंत्री विजय सांपला के भतीजे राबिन सांपला का नाम भी सुर्खियों में है। युवा भाजपा नेता राबिन सांपला पिछले कई सालों से जालन्धर की राजनीति में पूरी तरह से सक्रिय हैं और कई धार्मिक एवं राजनीति मुद्दों पर सूबा सरकार को घेरते आ रहे हैं। राबिन सांपला बीते विधानसभा चुनावों दौरान वैस्ट हल्के से दावेदारी भी ठोक चुके हैं। भाजपा की ताजा स्थित की अगर बात करें तो जालन्धर लोकसभा चुनाव के लिए अभी तक कोई भी स्थानिय नेता का चेहरा सामने नही आया।
टिकट हासिल करने के लिए राजेश बाघा, राज कुमार वेरका, पूर्व डीसीपी राजिन्द सिंह दौड़ में शामिल हैं मगर इन चेहरों पर अभी मंथन चल रहा है। मिली जानकारी अनुसार भाजपा इस बार जालन्धर लोकसभा उपचुनाव में किसी युवा चेहरे को ही टिकट देकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है। बीते दिनों सूबा सरकार की ओर से लतीफपुरा में एससी बिरादरी एवं गरीबवर्ग के घर तोड़ने का मुद्दा भी युवा भाजपा नेता राबिन सांपला की ओर से केन्द्रिय मंत्री विजय सांपला के समक्ष उठाया गया था जिसका केन्द्र सरकार ने तुरंत संज्ञान लेते हुए पूरे जिले के प्रशासन को दिल्ली तलब कर फटकार लगाई थी।
फगवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं राजेश बाघा
भाजपा नेता राजेश बाघा फगवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है जिसमें उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा था। वहीं राज कुमार वेरका अमृतसर से हैं और उनका लंबा राजनैतिक बैकग्राउंड कांग्रेस पार्टी में रहा है। पूर्व डीसीपी रजिंदर सिंह की एक दिन पहले ही राजनीति में एंट्री हुई है ऐसे में भाजपा जालन्धर सीट से किसी तजुर्बेकार को उतारने की तैयारी में है जिसके लिए व्यापारियों तथा आम जनता से भी फीडबैक लिया जा रहा है।
कांग्रेस में भी मंथन जारी, चौधरी परिवार की कट सकती है टिकट
स्वर्गीय संतोख सिंह चौधरी के निधन के बाद उनकी पत्नी कर्मजीत कौर को पार्टी की टिकट देने राहुल गांधी द्वारा ऐलान किया था जिसके बाद कर्मजीत कौर ने चुनावी रणनीति तैयार कर सर्कियतौर पर प्रचार शुरु कर दिया है। सूत्रों अनुसार पार्टी हाईकमान आने वाले दिनों में कैंडिडेट बदल सकती है। इस टिकट के लिए पूर्व विधायक सुशील रिंकू भी दांव खेल रहे हैं सुशील रिंकू को राहुल गांधी का सबसे करीबी माना जाता है। यह भी क्यास लगाए जा रहे हैं कि सुशील रिंकू आने वाले चंद दिनों में कोई बड़ा धमाका कर सकते हैं।
9 हल्कों में 5 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा, भाजपा का हाथ खाली
जिले के अंर्तगत 9 हल्कों में से 5 हल्कों में कांग्रेस का कब्जा है वहीं 3 हल्कों में आम आदमी पार्टी तथा एक हल्के में अकाली दल का कब्जा है ऐसे में भाजपा के पास कोई विधानसभा हल्का नहीं है जिसके चलते इस बार भाजपा को चुनावो दौरान कड़ी मेहनत करने की जरुरत है।