Loading...
- Advertisement -
HomePunjabAmritsarजालंधरः चन्नी के विवादित शब्दावली को लेकर शहीद हुए फौजी के भाई...

जालंधरः चन्नी के विवादित शब्दावली को लेकर शहीद हुए फौजी के भाई का आया बड़ा बयान, देखें वीडियो

WhatsApp Group Join Now
WhatsApp Channel Join Now

जालंधर, ENS: पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने बीते दिन पुंछ हमले को स्‍टंटबाजी का नाम दिया था। चन्नी ने कहा कि इस तरह के हादसे केवल चुनाव के दौरान ही कराए जाते हैं। चन्नी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये सब चुनाव जीतने की चाल है। वहीं इस मामले को लेकर शहीद हुए फौजी के बड़े भाई दविंदर सिंह चीमा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार फौज में है। दविंदर ने बताया कि उनके पिता फौज में थे, वहीं उनके छोटे भाई फौज में है। दविंदर ने बताया कि उनके भाई को फौज की नौकरी में एक साल तीन माह का समय बचा था और वह उससे पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि वह लेफ्टनेट डायरेक्टर भर्ती हुए थे।

वहीं उन्होंने चन्नी द्वारा बीते दिन फौजियों के शहीद होने के बयान को बेहद निंदनीय बताया। पूंछ में हुए हमले के दौरान शहीद हुए फौजी को लेकर दविंदर ने कहा कि राजनीति ने इस तरह के पॉलिटिक्ल स्टंट बिल्कुल नहीं होते है, उन्होंने कहा कि ऐसे में चन्नी द्वारा दिया गया बयान गलत है। उन्होंने कहा कि चुनाव में ओर भी कई मुद्दे में है, लेकिन यह क्या हुआ कि टेररिस्ट अटैक पर राजनीतिक मुद्दा खड़ा कर रहे है। इस दौरान दविंदर ने कहा कि लोकसभा चुनावों में नेताओं को मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता गरीब, नौकरी सहित अन्य मुद्दों पर बात करें, लेकिन शहीदों की शहादत पर राजनीतिक करना बेहद गलत है। उन्होंने कहा कि इन लोगों पर बयानबाजी करना भी गलत है। दविंदर ने कहा कि नेताओं को चाहिए कि वह शहीदों के घर में जाकर उनका दुख बांटे।

दविंदर ने कहा कि जब भी कोई फौजी शहीद होता है तो उसके अंतिम संस्कार तक ही राजनीतिक नेता लोग उनके परिवार के साथ मिलने के लिए और दुख सांझा करने के लिए जाते है, लेकिन उसके बाद शहीदों के परिवार से मिलने के लिए कोई नहीं पहुंचता। दविंदर ने कहा कि शहीदों को बाद में उनके परिवार वाले ही जानते है, लेकिन प्रशासन के लिए वह फाइल बन जाते है, जोकि दफ्तरों में पड़ी रहती है। दविंदर ने कहा कि सरकार वादे तो करती है कि शहीद परिवार को दफ्तरों में नहीं जाना पड़ेगा, सरकारी कर्मी उनके घर जाकर उनके कामों को हल करेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता दिखा है। दविंदर ने कहा कि चन्नी को इस मुद्दे पर माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कभी राजनीतिक नेता ने फौज में अपने बेटे को भेजा है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लोग अगर अपने परिवार के किसी सदस्य को फौज में नहीं भेज सकते तो शहीद हुए फौजियों पर गलत टिप्पणी भी ना करें।

Disclaimer

All news on Encounter India are computer generated and provided by third party sources, so read and verify carefully. Encounter India will not be responsible for any issues.

- Advertisement -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest News

- Advertisement -
- Advertisement -

You cannot copy content of this page