जालंधर/वरुण: इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में एलडीपी श्रेणी के तहत बड़ी संख्या में भूखंडों (प्लाटो) के गलत आवंटन का एक और मामला भी विजिलेंस ब्यूरो को जांच के लिए भेजा गया है। विजिलेंस ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि करोड़ों रुपये का घोटाला हो सकता है। प्लाट आवंटन में हेराफेरी करके करोड़ों रुपये डकारने वाले इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों और कर्मचारी में हड़कंप मचा हुआ है। इस घोटाले में ऊपर से नीचे तक कई लोग नपेंगे। लोकल बॉडी विभाग ने गलत प्लाट आवंटन का मामला जांच के लिए बिजीलैंस के पास भेज दिया है। विजीलैंस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि प्लाटों के गलत आवंटन से बहुत मोटा खेल खेला गया है। करोड़ों रुपये का यह घोटाला है।
इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में करोड़ों रुपये का घोटाला
घोटाला स्थानीय स्तर पर विस्थापित हुए लोगों को LDP (Local Displaced People) के तहत मिलने वाले प्लाटों के आवंटन में हुआ है। जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बहुत से विस्थापित परिवारों को तो प्लाट मिले नहीं बल्कि उनके यह प्लाट हक मारते हुए किसी और को ही दे दिए गए। इस तरह से जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ है।
बता दें कि पिछले वीरवार को इसी तरह का मामला विजीलैंस ब्यूरो ने लुधियाना इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के खिलाफ भी दर्ज किया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार इस तरह से गलत प्लाट आवंटन करके पंजाब के इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों और नगर सुधार ट्रस्टों में करीब एक हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। लोकल बाडी विभाग ने पंजाब के सभी इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों और नगर सुधार ट्रस्टों की जांच के बाद जो डाटा सामने आया है उसकी जांच विजीलैंस से करवाने के लिए विभाग के मंत्री इंद्रबीर सिंह निज्जर से भी स्वीकृति ले ली है।
कांग्रेस के शासनकाल में हुए सारे घोटाले
इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में विस्थापित लोगों को तो रियायती दर पर प्लाट दिए ही जाते हैं, साथी उन्हें भी एक-एक प्लाट रियायती दरों पर दिया जाता है जिनकी भूमि को इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट कॉलोनी के लिए एक्वायर करता है। इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट को जमीन देने वाले भी एक प्लाट के हकदार होते हैं। लेकिन इन्हीं रियायती प्लाटों में अधिकारियों औऱ कर्मचारियों ने कुंडली मार कर इन्हें दूसरे लोगों को बेच डाला। जालंधर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट में जो 120 फाइलें गायब हो गई थी और बाद में दफ्तर में ही मिल गई थीं। इनमें से भी बहुत सारी फाइलें एलडीपी के केसों से जुड़ी हुई थीं। यह सारे घोटाले कांग्रेस के शासनकाल में हुए हैं। अब सत्ता में आई आम आदमी पार्टी ने इन सबकी जांच शुरु करवा दी है। सरकार इम्प्रूवमेंट ट्रस्टों में गाड़ियों, गैजेट्स और अन्य सामान पर हुई फिजूलखर्ची की भी जांच करवाने जा रही है।
राजनीतिक रूप से जुड़े लोग शामिल
विभिन्न सुधार ट्रस्टों की ओर से एलडीपी श्रेणी के तहत भूखंडों को आवंटित करने के प्रस्तावों को चंडीगढ़ में स्थानीय सरकार के मुख्यालय को अनुमोदन के लिए भेजा जाता है। पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान स्थानीय सरकारी विभाग के स्तर पर गठित एक समिति बहुत प्रगति करने में विफल रही लेकिन परिवर्तन के साथ ही आप सरकार ने अब मामलों को खोल दिया है, क्योंकि इसमें राजनीतिक रूप से जुड़े लोग शामिल हैं।
पटियाला, बठिंडा और अमृतसर के ट्रस्टों की फाइलें भी खंगालनी शुरू
इसके साथ ही जालंधर और लुधियाना में इंप्रूवमेंट टेस्ट में घोटाला उजागर होने के बाद तीन और जिलों के सुधार ट्रस्ट विजिलेंस के निशाने पर आ गए हैं। विजिलेंस अब पटियाला, बठिंडा और अमृतसर के ट्रस्टों की फाइलें भी खंगालने जा रही है। विजिलेंस ट्रस्ट के भूखंडों के गलत आवंटन कर 1000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले की संभावना जता रही है।
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