जालंधर, ENS: दिवाली की रात पंजाब सरकार के निर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं। सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त निर्देशों के बाद पंजाब सरकार ने पटाखों का समय रात 8 से 10 बजे तक तय किया था, लेकिन शाम 7 बजे से पटाखों का काम इतनी तेजी से शुरू हुआ कि धमाकों की आवाज रात भर गूंजती रही। 8 बजे के बाद जैसे-जैसे रात बढ़ती गई, पूरे पंजाब में धुएं की चादर फैल गई। पंजाब में हवा की गुणवत्ता (AQI) इतनी खराब थी कि रात में किसी का भी दम घुट सकता था। वहीं जहरीली धुएं को लेकर जालंधर औसत ऑरेंज जोन में चल रहा है। दरअसल, देर रात चले पटाखों के कारण आज सुबह से बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने के परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस जहरीले धुंए के कारण कुछ लोगों की आंखों में पानी आने लगा। बताया जा रहा है कि दिवाली पर चले पटाखों से पंजाब का AQI 500 के पार पहुंच गया। बता दें कि पटाखों से निकलने वाला ये धुआं काफी खतरनाक होता है। दरअसल पटाखों में कई तरह के केमिकल होते हैं, जिनके रिएक्शन के बाद ही धमाका या फिर अलग-अलग कलर दिखाई देते हैं। पटाखों में मौजूद सल्फर डाई ऑक्साइड काफी खतरनाक होता है। ये इंसान के शरीर के लिए बेहद खतरनाक होता है, ऐसी हवा में सांस लेने वाले ज्यादातर लोगों को अस्थमा जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
पटाखों में जो जोरदार धमाका होता है उसके लिए पोटेशियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया जाता है। पोटेशियम नाइट्रेट से आंखों और स्किन को दिक्कत हो सकती है। अमोनियम और पोटेशियम के चलते लंग कैंसर तक हो सकता है। इसके अलावा पटाखों से बोरियम नाइट्रेट भी निकलता है, जिससे इरिटेशन और मांसपेशियों की बीमारी हो सकती है। पटाखों में मरकरी मैग्निशियम, कार्बन मोनो ऑक्साइड और लेड जैसे खतरनाक केमिकल भी मौजूद होते हैं। कुल मिलाकर पटाखों के धुएं में कुछ दिन तक सांस लेने के बाद आपको कई तरह की दिक्कतें हो सकती हैं।